रूस और यूक्रेन के बीच (Russia-Ukraine War) जारी युद्ध की वजह से जान-माल की भारी बर्बादी हुई है. यूक्रेन की अर्थव्यवस्था बुरी तरह से चरमरा गई है. राष्ट्रपति जेलेंस्की ने दूसरे देशों से 60 बिलियन डॉलर की मदद मांगी है. यूक्रेन की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि अब देश के पास सितंबर में अपने सैनिकों को वेतन देने के लिए भी पर्याप्त फंड नहीं है. इसके अलावा, राष्ट्रपति कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि सैनिकों की वर्दी, इलाज और दूसरी जरूरतों के लिए भी पर्याप्त फंड नहीं है.
यूक्रेन में गहराया आर्थिक संकट
यूक्रेन पिछले दो सालों से लगातार युद्ध लड़ रहा है जिसकी वजह से देश की अर्थव्यवस्था बुरी तरह से प्रभावित हुई है. आर्थिक संकट की वजह से देश के रक्षा मंत्री रुस्तम उमीरोव ने राष्ट्रपति जेलेंस्की से सीधे तौर पर अपनी नाराजगी भी जाहिर की है. यूक्रेन के डिफेंस मंत्रालय की ओर से जारी संदेश में अमेरिका और दूसरे देशों से 60 बिलियन डॉलर की मदद मांगी गई है. डिफेंस मंत्रालय की ओर से दिए बयान में कहा गया कि इस वक्त हमें तत्काल सहायता की जरूरत है. हमारे पास फंड की कमी है.
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अमेरिका और कनाडा से मिली जेलेंस्की को मदद
यूक्रेन और रूस के बीच जारी जंग में अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन समेत कई देश यूक्रेन की आर्थिक और सामरिक तौर पर मदद कर रहे हैं. शुक्रवार को जर्मनी में यूक्रेन डिफेंस कॉन्टैक्ट ग्रुप की एक मीटिंग हुई थी. इसमें अमेरिका और कनाडा जैसे देश भी शामिल हुए थे. इस मीटिंग में यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की और अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन के बीच अहम मुलाकात हुई थी. जेलेंस्की को अमेरिका ने 250 मिलियन डॉलर मदद का भरोसा दिया है. कनाडा की ओर से यूक्रेन की आर्मी को तत्काल हथियारों से सहायता का आश्वासन भी मिला है.
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