Ukraine War: पुतिन के इशारे पर दोनेत्स्क और लुहांस्क समेत इन इलाकों में होगा जनमत संग्रह, क्या रूस बना लेगा अपना हिस्सा?

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Sep 20, 2022, 10:50 PM IST

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन. (फाइल फोटो)

Russia Ukraine War: रूस, यूक्रेन के पूर्वी और दक्षिणी क्षेत्रों की विलय के लिए जनमत संग्रह कराने की तैयारी कर रहा है.

डीएनए हिंदी: रूस (Russia) नियंत्रित यूक्रेन (Ukraine) के पूर्वी और दक्षिणी क्षेत्रों ने मंगलवार को रूस का अभिन्न हिस्सा बनने के लिए जनमत संग्रह कराने का ऐलान किया है. यूक्रेन के अलगाववादी क्षेत्र अगर जनमत संग्रह का ऐलान करते हैं तो ये हिस्से रूस के साथ जा सकते हैं. अगर जनमत संग्रह रूस के पक्ष में आता है तो रूस के यूक्रेन के इस क्षेत्र में कब्जा जमाना और आसान हो जाएगा. रूस युद्ध को और तेज कर सकता है.

यूक्रेन एक बार फिर अपने शहरों पर कब्जा जमा रहा है. दोनेत्स्क, लुहांस्क, खेरसॉन और आंशिक रूप से रूस के कब्जे में मौजूद ज़ापोरिज्ज्यिया क्षेत्र ने शुक्रवार से जनमत संग्रह कराने की घोषणा की. यह घोषणा उनके करीबी सहयोगी रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा इसकी जरूरत बताए जाने के बाद की गई है. 

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'रूस खो रहा है यूक्रेन पर अधिकार'

युद्ध शुरू होने के सात महीने के बाद रूस आधार खोता नजर आ रहा है. रूस के पूर्व राष्ट्रपति दिमित्री मेदवदेव ने भी कहा कि पूर्वी यूक्रेन क्षेत्रों का रूस में विलय और उनकी सीमा को फिर से परिभाषित करना अटल है और इससे रूस उनकी रक्षा करने के लिए कोई भी कदम उठाने में सक्षम होगा. 

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यूक्रेन के विदेश मंत्री दमित्रो कुलेबा ने जनमत संग्रह को शर्मनाक करार देते हुए ट्वीट किया, 'यूक्रेन को अपने क्षेत्रों को मुक्त कराने का पूरा अधिकार है और भले रूस कुछ भी कहे उन्हें मुक्त कराना जारी रखेंगे.'

अगर हुआ जनमत संग्रह तो क्या होगा फैसला?

यह लगभग तय माना जा रहा है कि इस तरह का जनमत संग्रह मॉस्को के पक्ष में जाएगा लेकिन यूक्रेन की सेना का समर्थन कर रही पश्चिमी सरकारें इसे मान्यता नहीं देंगी. यह जनमत संग्रह रूस को ऐसे समय लड़ाई तेज करने का मौका देगा, जब यूक्रेन की सेना बढ़त बना रही है. लुहांस्क और दोनेत्स्क संयुक्त रूप से डोनबास इलाके का बड़ा हिस्सा है जहां पर वर्ष 2014 से ही अलगावादियों का कब्जा है और पुतिन ने रूसी हमले के लिए इसे प्राथमिक आधार बनाया था. 

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क्या है अलगाववादी नेताओं का रिएक्शन?

दोनेत्स्क के अलगावादी नेता डेनिस पुशीलिन ने कहा, 'लंबे समय से पीड़ा सह रही डोनबास की जनता ने उस महान देश का हिस्सा बनने का अधिकार प्राप्त किया है जिसे वह हमेशा से अपनी मातृभूमि मानती हैं.'

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समाचार एजेंसी एपी के मुताबिक डेनिस पुशीलिन ने कहा कि जनमत संग्रह से लाखों रूसी लोगों को ऐतिहासिक न्याय मिलेगा, जिसका इंतजार वे कर रहे थे. आंशिक रूप से रूस के कब्जे वाले ज़ापोरिज्ज्यिया के रूस समर्थक कार्यकर्ता व्लादिमीर रोगोव ने कहा कि जितनी जल्दी हम रूस का हिस्सा बनेंगे, उतनी जल्दी शांति आएगी.

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