डीएनए हिंदी: अमेरिका के मियामी में एक रीयल स्टेट ब्रोकर को कोर्ट ने 3.5 साल (3 साल 6 महीने) की सजा सुनाई है. कोविड फंड के लिए मिली राशि का इस्तेमाल ब्रोकर ने अपने लिए लग्जरी अपार्टमेंट रेंट पर खरीदने, महंगे शौक पूरे करने और एक कॉस्मेटिक सर्जरी कराने पर खर्च कर दी थी. महिला ने $381,000 (Rs 3.1 करोड़) का गबन कर अपने महंगे शौक पूरे किए. हालांकि कोर्ट में अपना माफीनामा लिखते हुए इस महिला ने यह भी कहा कि वह इस तरह का फ्रॉड करने के बाद से मानसिक तनाव में हैं और उसके अंदर गहरा अपराधबोध है. जज ने भी सजा सुनाने से पहले अपने फैसले में कहा कि अपराध के लिए आरोपी के अंदर शर्मिंदगी है और यह सराहना की बात है.
कोविड फंड का इस्तेमाल कर पूरे किए महंगे शौक
कोलंबिया मूल की डैनियल रेंडल 31 साल की है और 3 बच्चों की मां है. कोविड महामारी के दौरान अमेरिका में सरकार और स्वयंसेवी संस्थाओं की ओर से राहत कार्यक्रम चलाए गए थे. इसमें लोगों को सस्ते दरों पर ऋण देने की सुविधा भी शामिल थी. रेंडल ने इन्हीं ऋण कार्यक्रमों में से गबन करके एक महंगा अपार्टमेंट रेंट पर लिया. इसके अलावा उसने महंगे जूते खरीदे और एक कॉस्मेटिक सर्जरी भी कराए. इतना ही नहीं अपनी लग्जरी लाइफस्टाइल का शो ऑफ भी इंस्टाग्राम पर खूब किया.
यह भी पढ़ें: दिल्ली के अधिकारी पर रेप का आरोप, CM केजरीवाल ने किया सस्पेंड
हालांकि 30 पेज के अपने अपराध स्वीकृति नोट में उसने माना कि उसके अंदर लालच आ गया था और उसे ऐसा लगा कि आसपास के सभी लोग ऐसा कर रहे हैं और इसमें किसी को कोई नुकसान भी नहीं पहुंच रहा है. कोर्ट ने हालांकि सजा में नरमी बरती है और जेल की सजा को 6 महीने कम कर दिया. इसके अलावा धोखाधड़ी के छह और मामले, मनी लॉन्ड्रिंग के दो मामले और गंभीर पहचान की चोरी का एक मामला हटा दिया है. रेंडल ने यह भी माना कि उसे अहसास हुआ कि उसने किसी गुमनाम अमेरिकी संस्थाओं के साथ धोखाधड़ी नहीं की है बल्कि अपने दोस्तो, पड़ोसियों के साथ अन्याय किया है जो इन कार्यक्रमों में दूसरों की मदद करने के लिए सहयोग करते हैं.
यह भी पढ़ें: SC ने 27 हफ्ते की गर्भवती को दी गर्भपात की अनुमति, रेप पीड़िता है महिला
20 साल तक की हो सकती थी सजा
महिला केलिए 20 साल की सजा की मांग की गई थी. अमेरिका में फेडरल फंड के दुरुपयोग को लेकर नियम काफी सख्त हैं लेकिन कोर्ट ने बचाव पक्ष की दलीलों को स्वीकार करते हुए वायर फ्रॉड और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे आरोप हटा लिए थे. बता दें कि अमेरिका में कोविड-19 महामारी ने बड़े पैमाने पर आर्थिक और सामाजिक जीवन को प्रभावित किया था. इस महामारी का सामना करने में अमेरिकी स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से नाकाम नजर आई और उस दौरान सरकारों और देश के बड़े उद्योगपतियों की ओर से कई राहत पैकेज चलाए गए थे.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.