डोनाल्ड़ ट्रंप की तरफ से राष्ट्रपति चुनाव के दैरान खुद को हिंदू हितैषी बताने की पूरी कोशिश की गई. वो लगातार हिंदुओं से जुड़े मुद्दों को उठाते रहे. बांग्लादेश के हिंदुओं पर किए जा रहे हमलों की भी उन्होंने जमकर नींदा की थी, साथ ही उन्होंने अमेरिकी हिंदुओं के अधिकारों की लड़ाई में उनका साथ देने की बात भी कही थी. अब जब वो अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव को जीत चुके हैं, और अपने कैबिनेट का चयन कर चुके हैं, तो इसमें बड़े और कद्दावर हिंदू नेताओं को भी जगह दी है. इसके बाद से जानकारों का कहना है कि चुनाव के दौरान उन्हें जिस तरह से हिंदू तबके और मतदाताओं का साथ मिला, उन्होंने इसे ध्यान में रखकर ही ये फैसला लिया है.
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तुलसी और विवेक को सौंपी अहम जिम्मेदारी
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने पहली हिंदू कांग्रेसवुमेन तुलसी गबार्ड का चयन नेशनल इंटेलिजेंस का डायरेक्टर (DNI) के तौर पर किया है, वहीं उन्होंने विवेक रामास्वामी का चयन डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी (DOGE) के प्रमुख के तौर पर किया है. इन दो कद्दावर हिंदू नेताओं का चयन दर्शाता है कि ट्रंप हिंदुओ के लेकर कितने सजग हैं, और हिंदुओं को लेकर वो जो भी वादे करते हैं, उसे पूरा भी करते हैं.
चुनाव में हिंदुओं का साथ देने का किया था वादा
चुनाव के दौरान एक प्रत्याशी के दौर पर उन्होंने अपने दिवाली संदेश में बधाई देते हुए बांग्लादेशी हिंदुओं पर किए जा रहे अत्याचार को लेकर चिंता व्यक्त की थी. ट्रंप की तरफ से अमेरिकी हिंदुओं के हक की लड़ाई में साथ देने का वादा किया गया था, साथ ही कहा गया था कि वो भारत के पीएम नरेंद्र मोदी के संग मिलकर दोनों देशों के रिश्तों को और भी मजबूत करेंगे.
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