अमेरिका ने चीन का 'जासूसी गुब्बारा' किया ढेर, समुद्र पर तकरार, क्यों शी जिनपिंग ने साधी है चुप्पी?

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Feb 05, 2023, 09:43 AM IST

अमेरिका ने ढेर किया चीन का जासूसी गुब्बारा.

चीन का जासूसी गुब्बारा 30 जनवरी को कनाडा के एयर स्पेस में पहुंचा था. 28 जनवरी को पहली बार इस गुब्बारे ने अमेरिकी क्षेत्रों में एंट्री की.

डीएनए हिंदी: अमेरिका ने अपनी सीमा में उड़ रहे चीन के जासूसी गुब्बारे को ढेर कर दिया है. अमेरिकन एयरफोर्स के फाइटर जेट ने दक्षिण कैरोलिना तट पर एक संदिग्ध चीनी जासूसी गुब्बारे को ढेर कर दिया है. अमेरिका और चीन के बीच इस गुब्बारे को लेकर तकरार बढ़ गई थी. अमेरिका की नजर इस गुब्बारे के मूवमेंट पर थी. अटलांटिक महासागर के ऊपर जैसे ही गुब्बारा पहुंचा, अमेरिका ने मिसाइल अटैक से गुब्बारे को फोड़ दिया. जो बाइडेन ने सेना को आदेश दिया था कि इस गुब्बारे को नष्ट कर दिया जाए. अमेरिका ने यह अटैक पूरी प्लानिंग के साथ की. आसपास के तीन एयरपोर्ट और एयरस्पेस को अधिकारियों ने बंद कर दिया था. अब जो बाइडेन ने अपने वायुवीरों की पीठ थपथपाई है.

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने गुब्बारे को शूट करने के लिए बुधवार को ही आदेश जारी किया था. ऐसी आशंका थी अगर इसे तत्काल मार गिराया गया तो इसका मलबा एयरपोर्ट और पानी में भी फैल सकता है, जिसे इकट्ठा कर पाना मुश्किल होगा. अमेरिकी सेना ने पूरी रणनीति तैयार करने के बाद गुब्बारे को ढेर किया है. 

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कितना बड़ा था गुब्बारे का आकार, कहां किया गया ढेर?

इस गुब्बारे का आकार करीब 3 स्कूल बसों के बराबर था. गुब्बारे, को अमेरिकी तट से लगभग छह समुद्री मील दूर, अपेक्षाकृत उथले पानी में गिराया गया गया है. ऐसा इसलिए किया गया है जिससे गुब्बारे के मलबे को बरामद किया जा सके और चीनी उपकरणों की निगरानी की जा सके.

कैसे तबाह हुआ गुब्बारा?

कई लड़ाकू और ईंधन भरने वाले विमान इस मिशन में शामिल थे. वर्जीनिया में लैंगली एयर फोर्स बेस से एक F-22 लड़ाकू जेट ने और एक AIM-9X सुपरसोनिक फाइटर जेट ने अटैक करके इस बलून को तबाह किया है. गुब्बारे को हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल ने ढेर किया है. 

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क्यों अमेरिका ने तत्काल नहीं लिया एक्शन?

गौरतलब है कि 30 जनवरी को कनाडा के हवाई क्षेत्र में जाने से पहले 28 जनवरी को गुब्बारे ने पहली बार अलास्का में अमेरिकी एयर स्पेस में एंट्री ली थी. इसके बाद 31 जनवरी को उत्तरी इडाहो में अमेरिकी हवाई क्षेत्र में गुब्बारा फिर पहुंच गया. समुद्री इलाके में गुब्बारे के होने से अमेरिका निशाना नहीं बना रहा था, क्योंकि इससे मलबों की जांच नहीं की जा सकती थी.  अमेरिका नागरिक इलाकों में भी इस गुब्बारे को निशाना नहीं बना सकता था क्योंकि मलबे के बारे में कुछ भी अधिकारियों को जानकारी नहीं थी.

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क्यों चीन ने साधी है चुप्पी?

चीन और शी जिनपिंग ने इस हरकत पर चुप्पी साध ली है. अभी तक यह पता नहीं चल सका है कि इस गुब्बारे से चीन ने कौन सी गोपनीय जानकारियां हासिल की हैं.

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