अमेरिका की प्राइवेट कंपनी इंट्यूटिव मशीन्स का रोबोटिक स्पेसक्राफ्ट लैंडर ओडिसियस चांद पर लैंड हो गया है. अमेरिकी कंपनी इंट्यूटिव मशीन (Intuitive Machines) चंद्रमा पर अपना स्पेसक्राफ्ट लैंड कराने वाली दुनिया की पहली कंपनी बन गई. 50 साल बाद एक अमेरिकी अंतरिक्ष यान चांद की सतह पर उतरा है. अपोलो मिशन के बाद पहली बार अमेरिका बेस्ड किसी मिशन ने चंद्रमा पर लैंडिंग की है. भारतीय समय के अनुसार, 4 बजकर 53 मिनट पर इसकी लैंडिंग हुई. यह मून लैंडिंग करने वाला किसी प्राइवेट कंपनी का पहला स्पेसक्राफ्ट बन गया है. यह भारत के चंद्रयान-3 के बाद चांद की सतह पर पहुंचा है.
NASA के अनुसार, शुक्रवार सुबह 4:30 बजे चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास मालापर्ट ए नाम के क्रेटर में उतरा. चांद का दक्षिणी ध्रुव वही हिस्सा है, जिसके करीब भारत के चंद्रयान 3 का विक्रम लैंडर उतरा था. ओडिसियस की लैंडिंग 14 फरवरी को होनी थी लेकिन तकनीकी समस्या की वजह से इसमें बदलाव किया गया था. सफल लैंडिंग के बाद कंपनी के सीईओ स्टीव अल्टेमस ने कहा कि हम सतह पर हैं और ट्रांसमिशन कर रहे हैं. चंद्रमा पर आपका स्वागत है. नासा के प्रशासक बिल नेल्सन ने एक वीडियो संदेश के जरिए बधाई देते हुए कहा कि हमने चंद्रमा पा लिया, आधी सदी के बाद अमेरिका वापस चांद पर पहुंच गया है. जानकारी के लिए बता दें कि अमेरिका का यह मिशन 7 दिन तक एक्टिव रहेगा.
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नासा ने किया सहयोग
यह प्राईवेट मिशन है लेकिन अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने इस मिशन में सहयोग किया है. नासा ने अपने वैज्ञानिक उपकरणों और टेक्नोलॉजी को चंद्रमा तक ले जाने के लिए इसे फंड किया. मिशन में काम आने वाले 6 इंस्ट्रूमेंट्स नासा ने ही तैयार किए हैं. नासा ने इस मिशन के लिए IM के साथ 118 मिलियन डॉलर यानी 979.52 करोड़ से ज्यादा का कॉन्ट्रैक्ट किया था. इसके बाद IM ने ओडिसियस मून लैंडर बनाया. यह लैंडर नासा के कॉमर्शियल लूनर पेलोड सर्विसेस प्रोग्राम के तहत बनाया गया है. लॉन्चिंग फ्लोरिडा के केप केनवरल स्थित केनेडी स्पेस सेंटर के लॉन्च पैड 39बी से की जाएगी.
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