डीएनए हिंदी: वीजा विवादों (Visa Policy) के बीच अब अमेरिका ने एक बड़ा बयान दिया है. अमेरिका ने कहा है कि अब भारतीयों को वीजा प्रोसेसिंग के मुद्दे पर वरीयता दी जाएगाी. इसके तहत अमेरिका का कहना है कि वह वीजा देने की नीति को कोविड काल (Covid ERA) से पहले की स्थिति में लाना चाहता है. अब भारत से जो भी व्यक्ति अमेरिका में वीजा के लिए आवेदन करेगा, उसे वहां वीजा प्रक्रिया में प्राथमिकता मिलेगी जो कि भारत के लिए एक बड़ी बात है क्योंकि वीजा के मुद्दे पर पिछले कुछ वर्षों से विवाद चल रहा है.
एक अमेरिकी अधिकारी ने कहा है कि भारत वाशिंगटन (वीजा जारी करने के लिए) के लिए नंबर एक प्राथमिकता है. हमारा उद्देश्य अगले साल के मध्य तक स्थिति को पूर्व-कोविड -19 स्तर पर लाना है." भारत उन बहुत कम देशों में से एक रहा है, जहां अमेरिकी वीजा के लिए आवेदनों में कोरोनोवायरस से संबंधित यात्रा प्रतिबंध हटाए जाने के बाद बड़ी तेजी देखी गई है.
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अधिकारी ने कहा कि वीजा देने के लिए लंबे इंतजार के समय को ध्यान में रखते हुए अमेरिका अधिक कर्मियों को काम पर रखने और "ड्रॉप बॉक्स" सुविधाओं को बढ़ाने सहित कई पहल कर रहा है. हर महीने करीब एक लाख वीजा जारी करने की योजना है. अधिकारी ने कहा कि अमेरिका पहले ही भारतीयों के लिए एच (एच1बी) और एल श्रेणी के वीजा को अपनी प्राथमिकता के रूप में पहचान चुका है और वीजा का नवीनीकरण करने के इच्छुक लोगों के लिए हाल ही में लगभग 1,00,000 स्लॉट जारी किए गए थे.
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जानकारी के मुताबिक कुछ श्रेणियों के लिए प्रतीक्षा समय को पहले के 450 दिनों से घटाकर लगभग नौ महीने कर दिया गया है. अधिकारी ने कहा कि बी1, बी2 (बिजनेस एंड टूरिज्म) वीजा के लिए वेटिंग टाइम को भी करीब नौ महीने से कम किया जा रहा है. अधिकारी ने यह भी कहा कि अमेरिका द्वारा जारी किए जा रहे वीजा की संख्या के मामले में भारत के मौजूदा नंबर तीन से दूसरे स्थान पर जाने की उम्मीद है.
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