डीएनए हिंदी: स्कॉटलैंड में ब्रिटिश खालिस्तानियों के एक ग्रुप में भारतीय उच्चायुक्त विक्रम दोराईस्वामी को एक स्थानीय गुरुद्वारा में प्रवेश करने से रोक दिया. भारतीय उच्चायुक्त गुरुद्वारे के निमंत्रण पर वहां गए थे, जैसे ही वहां पहुंचे तो पहले से मौजूद खालिस्तान समर्थकों ने उन्हें रोक लिया. यह मामला आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या पर भारत और कनाडा के बीच राजनीतिक विवाद के दौरान आया है.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, खालिस्तान समर्थक एक सिख कार्यकर्ता ने बताया कि उनमें से कुछ को पता चला था कि दोरईस्वामी ने अल्बर्ट ड्राइव पर ग्लासगो गुरुद्वारा की गुरुद्वारा समिति के साथ एक बैठक की योजना बनाई थी.बताया जा रहा है कि भारतीय उच्चायुक्त के पहुंचने पर वहां कुछ लोग आए, जिन्होंने उनसे कहा कि उनके यहां स्वागत नहीं है और वह चले गए.
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खालिस्तान ग्रुप में दी ऐसी जानकारी
एक खालिस्तान ग्रुप ने बताया कि हमारी उनसे हल्की नोकझोंक हुई. हमें नहीं लगता है कि जो कुछ हुआ, उसे गुरुद्वारा कमेटी बहुत खुश है लेकिन ब्रिटेन के किसी भी गुरुद्वारे में भारतीय अधिकारियों का स्वागत नहीं है. हम भारत और यूनाइटेड किंगडम के मिली भगत से तंग आ चुके हैं. इसके साथ यह भी कहा गया कि हरदीप सिंह नजर की हत्या के बाद से ब्रिटिश सिखों को निशाना बनाया जा रहा है. इसका संबंध अवतार सिंह और जगतार सिंह जोहल से भी है.
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निज्जर की हत्या के बाद भड़के हैं खालिस्तानी समर्थक
कनाडा और ब्रिटेन के कई शहरों में सिखों की आबादी बहुत ज्यादा है और गुरुद्वारा इस समुदाय का केंद्रबिंदु हैं. निज्जर सर्रे में गुरुद्वारे का अध्यक्ष था, उसकी हत्या के बाद से ही खालिस्तानी समर्थक भड़के हुए हैं. जानकारी के लिए बता दें कि स्कॉटलैंड में भारतीय उच्चायुक्त के साथ इससे पहले भी इस तरह का व्यवहार हो चुका है. इसी साल ब्रिटेन की राजधानी दिल्ली में स्थित भारतीय उच्चायोग की बिल्डिंग पर हमला किया था. इस घटना के बाद भारत ने ब्रिटेन के सामने भी अपना कड़ा विरोध दर्ज कराया था.
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