MERS Virus: कोरोना जैसा खतरनाक है MERS वायरस, जानें फीफा वर्ल्ड कप के बाद कतर में क्यों बढ़ा इसके फैलने का डर

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Dec 19, 2022, 12:52 PM IST

FIFA World Cup 2022 के बाद कतर में MERS वायरस के संक्रमण का खतरा बढ़ गया है. क्या है यह वायरस और कैसे फैलता है, आइए समझते हैं.

डीएनए हिंदी: कतर में फीफा वल्र्ड कप खत्म होने के साथ ही MERS वायरस के फैलने का खतरा बढ़ गया है. MERS मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम एक सांस की बीमारी है. यह वायरल इन्फेक्शन में आने वाली बीमारियों की तरह है, जिसे पहली बार 2012 में सऊदी अरब में पहचाना गया था. यह MERS-CoV नाम के एक वायरस की वजह से फैलता है. यही वायरस सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (SARS)  का कारण बनता है.

संक्रमण से ग्रस्त व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलता है MERS

दरअसल, MERS का संक्रमण किसी भी संक्रमित (Infection) व्यक्ति के पास बैठने या किसी भी तरह से उसके संपर्क में आने से फैलता है. आमतौर पर लार या बलगम जैसे श्वसन स्राव से यह आसानी से नहीं फैलता है. न ही इसका हवा में फैलने का कोई डर है, लेकिन इस वायरस से संक्रमित मरीज के संपर्क में आने पर यह आसानी से दूसरे शख्स को अपनी चपेट में ले सकता है. 

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ये हैं मर्स के लक्ष्ण ऐसे लगाए पता

MERS वायरस के लक्षण हल्के बुखास से लेकर गंभीर हो सकते हैं. इनमें मुख्य रूप से बुखार, सांस में लेने में समस्या, खांसी, शरीर में जकड़न व दर्द, थकान और दस्त लगना है. इस तरह के कोई भी लक्ष्ण दिखने पर इसे हल्के में न लें. इसकी वजह यह धीरे धीरे गंभीर बीमारियों का रूप ले सकता है, जैसे निमोनिया, शरीर में भारी कमजोरी, जो घातक हो सकता है. पहले से बीमारियों से जुझ रहे व्यक्ती को मौत का भी खतरा बना हुआ है. वहीं MERS के कुछ लोगों में कोई भी लक्षण नहीं दिखते या फिर बहुत ही हल्के लक्षण दिखाई देते हैं जैसे सामान्य सर्दी, जुखाम इसे तुरंत दिखा लें. 

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MERS का अभी कोई टीका नहीं है इसे सावधानी ही एक तरीका

MERS से बचने के लिए अभी कोई खास उपचार या टीका नहीं है. इसके संक्रमण से बचने के लिए सावधानी ही महत्वपूर्ण साबित होती है. जैसे कि समय समय पर अपने हाथों को अच्छे से धोना, खांसी या छींक आने पर मुंह और नाक को अच्छे से कवर करना. किसी दूसरे शख्स को भी ऐसी समस्या लगने पर थोड़ी दूरी बनाकर बात करना. 

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कोविड से भी ज्यादा खतरनाक है MERS

MERS मिडिल ईस्ट रेस्पोरेटरी सिंड्रोम वायरस कोविड के संक्रमण से भी ज्यादा खतरनाक है. इस वायरस के संक्रमण का पहला मामला आज से 10 साल पूर्व 2012 में सऊदी अरब में सामने आया था. यह एक श्वसन रोग है और काफी खतरनाक भी है. इस संक्रमण को लेकण्र हाल ही मेकं डब्ल्यूएचओ ने कहा था कि इस संक्रमण का मानव से मानव में संचरण संभव है और खास तौर पर यह ज्यादा पास से संपर्क में आने पर फैलता है.

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