डीएनए हिंदी: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के अध्यक्ष इमरान खान कभी भी गिरफ्तार हो सकते हैं. उनके सिर पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है. लाहौर में उनके आवास पर पुलिस तोशाखाना केस में गिरफ्तारी वारंट लेकर पहुंची है. वह बार-बार कोर्ट के आदेश के बाद भी पेश नहीं हो रहे थे. इमरान पर अवैध रूप से तोशखाना (स्टेट डिपॉजिटरी) से प्राप्त उपहारों को बेचने का आरोप है. उन्हें पिछले हफ्ते मामले की सुनवाई के लिए पेश होना था, लेकिन वे पेश नहीं हुए.
पढ़ें Live फुल अपडेट्स-
- इमरान के घर के बाहर समर्थकों का जमावड़ा
लाहौर में इमरान खान के घर के बाहर उनके समर्थकों का जमावड़ा लगा हुआ है. पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़ने के तैयारी कर ली है. साथ में वॉटर टैंकर भी मंगवाए गए हैं.
- इमरान खान ने पीएम शहबाज शरीफ पर आरोप लगाया है कि वह संस्थाओं का दुरुपयोग कर रहे हैं. अपने ऊपर लगे मामलों में क्लीन चिट ले रहे हैं. उन्होंने ट्वीट किया, 'किसी देश का भविष्य क्या हो सकता है जब उस पर शासकों के रूप में बदमाशों को थोपा जाता है? शहबाज शरीफ को एनएबी द्वारा 8 अरब रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग और एफआईए द्वारा 16 अरब रुपये के अन्य भ्रष्टाचार के लिए दोषी ठहराया जाने वाला था, लेकिन उन्हें जनरल बाजवा ने बचा लिया. वे एनएबी मामलों की सुनवाई को टालते रहे. इमरान आरोप लगाया कि ट्रायल के दौरान ही शहबाज को प्रधानमंत्री बना दिया गया था.
- पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान ने अपने कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि मैं कभी किसी के सामने नहीं झुकूंगा. हम सिर्फ अल्लाह के आगे झुकते हैं. गुलाम कौम कुछ नहीं कर सकती, केवल आजाद कौम ही आगे जा सकती है.
- पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ ने इमरान खान की संभावित गिरफ्तारी को रोकने के लिए पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं से फौरन उनके आवास पर पहुंचने की अपील की है. प्रधानमंत्री को कभी भी गिरफ्तार किया जा सकता है. PTI के सीनियर नेता फवाद चौधरी ने कहा है कि इमरान खान अगर गिरफ्तार हुए तो पाकिस्तान में हालात बेकाबू हो जाएंगे. आइए जानते हैं कि यह केस क्या है और क्यों इमरान खान गिरफ्तार हो रहे हैं.
इसे भी पढ़ें- Ban on Imran Khan: बनाना चाहते थे क्रांतिकारी सरकार, गिफ्ट चोरी और गबन कांड ने कैसे बढ़ा दी मुश्किलें?
क्या होता है तोशाखाना?
तोशाखाना का मतलब सरकारी खजाना है. पाकिस्तान में विदेशी नेताओं से मिलने वाले किसी भी उपहार को सरकारी खजाने में जमा कराना होता है. इमरान खान ने उन उपहारों को सरकारी खजाने में जमा करने की जगह बेचकर पैसे कमा लिए. इसे तोशाखाना केस कहा जा रहा है. तोशाखाना की स्थापना साल 1974 में हुई थी. सिर्फ प्रधानमंत्री ही नहीं, संवैधानिक पदों पर बैठे हर शख्स पर यह नियम लागू होता है.
पाकिस्तान के बड़े अधिकारियों पर भी यह नियम लागू होगा है. साल 2018 में जब इमरान खान सत्तारूढ़ हुए तब उन्होंने किसी भी नियम का पालन नहीं किया. इमरान खान ने तब तर्क दिया था कि ऐसा करने से अन्य देशों के साथ पाकिस्तान के संबंध खतरे में पड़ जाएंगे.
इसे भी पढ़ें- Spring influenza: इन्फ्लुएंजा की चपेट में पूरा देश, कितना खतरनाक है H3N2 वायरस, जानिए लक्षण, इलाज और बचाव
पाकिस्तान मुस्लिम लीग-एन की उपाध्यक्ष मरियम नवाज ने शुक्रवार को दावा किया कि पाकिस्तान की यह पहली प्रमाणित चोरी है, जिस पर चोरी के अकाट्य सबूत सामने आने के बाद एक्शन लिया गया है.
कब सामने आया था गिफ्ट कांड?
अगस्त में, इमरान खान को सत्ता से हटाए जाने के कुछ महीनों बाद, सत्तारूढ़ गठबंधन के कुछ सांसदों ने नेशनल असेंबली के अध्यक्ष राजा परवेज अशरफ ने सामने एक आरोप पत्र दायर किया था. इमरान खान पर आरोप लगाए गए थे कि जो गिफ्ट उन्हें मिले, उसका विवरण तोशाखाना को नहीं सौंपा गया था. उन्हें बेचकर पैसे कमाए गए. पाकिस्तान के स्पीकर ने इसे मुख्य चुनाव आयुक्त सिकंदर सुल्तान राजा को भेज दिया था.
8 सितंबर को, इमरान खान को नोटिस मिला था. उन्होंने इस नोटिस का जवाब दिया था और कहा था कि प्रधानमंत्री रहते हुए मिले चार उपहारों को उन्होंने बेच दिया था. इन उपहारों में ग्रेफ, रोलेक्स घड़ी, कफ़लिंक की एक जोड़ी, एक महंगी कलम, कई धातुओं की चीजें और एक अंगूठी शामिल थी.
किस कानून के तहत इमरान खान पर गिरी गाज
पाकिस्तानी अखबार डॉन ने चुनाव आयोग के फैसलों की रिपोर्ट प्रकाशित की है. रिपोर्ट के मुताबिक इमरान खान ने जानबूझकर चुनाव अधिनियम, 2017 के प्रावधानों का उल्लंघन किया था और गलत बयान दिया था. साल 2020-21 के लिए उन्होंने अपनी संपत्तियों के बारे में भी गलत जानकारी शेयर की थी.
इमरान खान को चुनाव अधिनियम की धाराओं के साथ, संविधान के अनुच्छेद 63 (1) (पी) के तहत अयोग्य घोषित कर दिया गया. पाकिस्तानी संविधान के अनुच्छेद 63 (1) (पी) में कहा गया है कि एक व्यक्ति कुछ समय के लिए, किसी भी कानून के तहत मजलिस-ए-शूरा या प्रांतीय विधानसभा के सदस्य के रूप में चुने जाने या चुने जाने के लिए अयोग्य ठहराया जा सकता है.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.