डीएनए हिंदी: इस साल का नोबेल शांति पुरस्कार (Nobel Peace Prize) बेलारुस के मानवाधिकार कार्यकर्ता एलेस बियालियात्सकी (Ales Bialiatski) को दिया गया है. उनके साथ-साथ रूस और यूक्रेन के मानवाधिकार संगठनों को भी साझा तौर पर यह पुरस्कार दिया गया है. एलेस बियालियात्सकी को जेल में बंद राजनीतिक कैदियों के अधिकारों के लिए काम करने के लिए जाना जाता है. फिलहाल वह भ्रष्टाचार और टैक्स चोरी के आरोपों में जेल में बंद हैं.
एलेस बिआलिआत्सकी बेलारूस के सामाजिक कार्यकर्ता हैं. उनका जन्म रूस में हुआ था. उन्होंने बेलारुस की Homiel स्टेट यूनिवर्सिटी से इतिहास और फिलोलॉजी में पढ़ाई की है. मानवाधिकार के क्षेत्र में लंबे समय से जुड़े एलेस को उनके ह्यूमन राइट्स सेंटर 'Viasna' की वजह से भी अच्छी-खासी पहचान मिली. नोबेल पुरस्कार से पहले एलेस को राइट लाइवलीहुड अवॉर्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है.
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15 महीने से जेल में हैं एलेस
फिलहाल, एलेस बियालियात्सकी 14 जुलाई 2021 से जेल में बंद हैं. उन पर टैक्स की चोरी करने का आरोप है. हालांकि, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का मानना है कि ये आरोप राजनीति से प्रेरित हैं. आरोप हैं कि जेल में उन्हें अंधेरी सेल में रखकर प्रताड़ित किया जा रहा है. एलेस बियालियात्सकी पिछले 30 सालों से लोकतंत्रा और आजादी के पक्ष में आंदोलन चला रहे हैं.
साल 1996 में उन्होंने अपने मानवाधिकार केंद्र 'Viasna' की स्थापना की. इसकी मदद से वह राजनीतिक कैदियों की मदद करते हैं. साल 1980 के बाद से वह अहिंसक और बिना किसी पक्षपात के बेलारुस में सिविल सोसायटी से जुड़े आंदोलन चला रहे हैं. वह कई बार जेल जा चुके हैं और अभी भी जेल में ही हैं.
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उनकी संस्था Viasna ने सिविल सोसायटी से जुड़े आंदोलनों में अहम भूमिका निभाई है. यही वजह है कि वह अक्सर सरकार के निशाने पर भी रही है. यह संस्था लोगों के इकट्टा होने के अधिकार, गिरफ्तारी के खिलाफ प्रदर्शनकारियों के हक और मानवाधिकार के उल्लंघनों के खिलाफ आाज उठाती रही है.
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