कौन हैं Giorgia Meloni? बन सकती हैं इटली की पहली महिला PM

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Sep 26, 2022, 12:31 PM IST

Giorgia Meloni

इटली में हुए आम चुनाव के नतीजे जल्द ही घोषित हो सकते हैं. एग्जिट पोल्स के मुताबिक इस बार इटली को पहली महिला पीएम मिल सकती है.

डीएनए हिंदी: इटली की कमान जल्द ही एक महिला प्रधानमंत्री को मिल सकती है. रविवार को इटली में आम चुनाव के लिए मतदान हुआ था. शुरुआती एग्जिट पोल के नतीजे बता रहे हैं ब्रदर्स ऑफ इटली पार्टी के नेतृत्व में बना गठबंधन जीत की तरफ बढ़ रहा है. यदि ऐसा होता है तो इटली को जियोर्जिया मेलोनी (Giorgia Meloni) के रूप में देश की पहली महिला प्रधानमंत्री मिल सकती है. इटली के चुनावी नतीजे जल्द घोषित किए जा सकते हैं. ऐसे में जान लेते हैं कि आखिर कौन हैं जियोर्जिया मेलोनी.

कौन हैं जियोर्जिया मेलोनी (Gerogia Meloni)?
45 वर्षीय जियोर्जिया मेलोनी (Gerogia Meloni) एक पत्रकार भी रह चुकी हैं. इस समय वह पॉलिटिकल पार्टी ब्रदर्स ऑफ इटली (Brothers of Italy) की प्रमुख हैं. मेलोनी का जन्म रोम में हुआ था. वह शुरुआत से ही राजनीति की दुनिया में सक्रिय रही हैं. उनकी एक बेटी है. उनके पति भी पत्रकार हैं. मेलोनी के नेतृत्व में इटली में ब्रदर्स ऑफ इटली पार्टी की लोकप्रियता काफी बढ़ी है. मेलोनी ने इन चुनावों में 'ईश्वर, देश और परिवार' के नारे के साथ अपना और पार्टी का प्रचार किया है. रिपोर्ट्स के मुताबिक अगर इटली में जियोर्जिया मेलोनी की सरकार बनती है तो द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद ऐसा पहली बार होगा, जब घोर दक्षिणपंथियों की सरकार बनेगी. 

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यूरोपीय संघ से अलग हो जाएगा इटली
जियोर्जिया मेलोनी के प्रधानमंत्री बनने से जुड़े कयासों के साथ ही ये बात भी सामने आने लगी है कि अब इटली यूरोपीय संघ का हिस्सा नहीं रहेगा.कहा जा रहा है कि अगर जियोर्जिया ही प्रधानमंत्री बनती हैं तो वह यूरोपीय संघ से अलग हो जाएंगी. जियोर्जिया शरणार्थी समस्या को लेकर काफी मुखर रही हैं और वह इसका कारण यूरोपीय संघ को ही मानती हैं. खास तौर पर पुरुष शरणार्थियों को लेकर वह कई मंचों पर विरोध जता चुकी हैं. 

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भारत पर क्या होगा असर?
कई मीडिया रिपोर्ट्स और एक्सपर्ट कमेंट्स में यह कहा गया है कि जियोर्जिया का इटली के पीएम पद पर काबिज होना भारत के लिए फायदेमंद ही साबित होगा. इसके पीछे वजह है दोनों देशों की सत्ताधारी पार्टियों की एक समान विचारधारा. भारत में बीजेपी और इटली की ब्रदर्स ऑफ इटली गठबंधन दोनों ही पार्टियां दक्षिणपंथी विचारधारा से जुड़ी हैं. ऐसे में भारत को इसका लाभ ही मिलना चाहिए. 

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