डीएनए हिंदी: पाकिस्तान के मशहूर इस्लामिक स्कॉलर मौलाना तारिक जमील (Maulana Tariq Jamil) के बेटे आसिम जमील (Asim Jamil) की रविवार को गोली लगने से मौत हो गई. मौलाना तारिक ने खुद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर इसकी जानकारी दी. फिलहाल ये साफ नहीं हो पाया कि उन्होंने खुदकुशी की या किसी ने उनकी हत्या की. पुलिस इस मामले की जांच में जुटी है. आसिम की मौत पर पूर्व प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से लेकर इमरान खान की पार्टी ने अफसोस जताया है.
पाकिस्तानी न्यूज वेबसाइट द डॉन के मुताबिक, घटना पंजाब के खानेवाल में उनके फार्महाउस की पर हुई. पुलिस का कहना है कि फार्महाउस के अंदर से कुछ लोगों ने गोली लगने की आवाज सुनी थी. लोग भागकर पहुंचे तो आसिम जमील खून से लथपथ नीचे पड़े थे. उन्हें आनन फानन में अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. आसिम के सीने में गोली लगी थी.
जिम में एक्सारसाइज कर रहे थे आसिम जमील
जियो टीवी के मुताबिक, मुल्तान पुलिस के अधिकारी कैप्टन (रिटायर्ड) मुहम्मद सोहेल चौधरी ने बताया कि आसिम जमील ने खुद आत्महत्या की है. उन्होंने कहा कि सीसीटीवी फुटेज में दिख रहा है कि मौलाना तारिक जमील के बेटे आसिम अपने फार्महाउस की जिम एक्सरसाइज कर रहे थे. एक गार्ड उनकी सुरक्षा में अलर्ट खड़ा था. तभी आसिम ने गार्ड से पिस्टल ली और खुद के सीने में गोली मार ली. उन्होंने ऐसा क्यों किया इसका कारण फिलहाल नहीं पता चल सका है.
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पंजाब पुलिस महानिदेशक (IG) उस्मान अनवर ने कहा कि घटना का संज्ञना लिया गया है. आसिम जमील की मौत के पीछे कारण पता लगाने के लिए फॉरेंसिक साक्ष्य इक्ट्ठा करने के निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने बताया कि शव को हेल्थ सेंटर से परिजनों को सौंप दिया गया है.
कौन हैं तारिक जमील
मौलाना तारिक जमील देवबंदी विचारधारा के इस्लामी विद्वान हैं. उनका जन्म पाकिस्तानी पंजाब के मियां चुन्नू खानेवाल में किसान परिवार में 1 अक्टूबर, 1953 को हुआ था. तारिक जमील डॉक्टर बनना चाहते थे. इसके लिए उन्होंने लाहौर की किंग एडवर्ड मेडिकल यूनिवर्सिटी में MBBS की पढ़ाई के लिए एडमिशन भी लिया, लेकिन इसके बाद वे तबलीगी जमात के संपर्क में आए और डॉक्टरी की पढ़ाई छोड़कर धार्मिक शिक्षा के लिए लाहौर के ही अरबिया राय विंड विश्वविद्यालय से शिक्षा हासिल करने लगे. वह स्लामिक प्रचारक हैं. दुनियाभर में वह इस्लाम पर जीने के तौर तरीके सिखाते हैं. वह पाकिस्तान के फैसलाबाद एक मदरसा चलाते हैं.
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मौलाना तारिक जमील की वजह से इंजमाम उल हक, सकलैन मुश्ताक, सईद अनवर, मुश्ताक अहमद और सलीम मलिक समेत कई दिग्गज पाकिस्तानी क्रिकेटरों ने इस्लामी तौर-तरीकों से जीने की शुरुआत की थी.
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