डीएनए हिंदी: ईरान की महिला पत्रकार और एक्टिविस्ट नरगिस मोहम्मदी को साल 2023 के लिए नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया है. उन्होंने महिलाओं की आजादी और उनके हक के लिए आवाज उठाई है. यही नहीं उन्हें 5 बार दोषी ठहराया जा चुका है. उन्होंने ईरान में मानवाधिकारों को बढ़ावा दिया. नरगिस मोहम्मदी को जब शांति का पुरस्कार दिया जा रहा है, उस समय भी वह अभी जेल में हैं. आइए जानते हैं कि नरगिस मोहम्मदी कौन हैं और वह ईरान की जेल में क्यों हैं.
नरगिस मोहम्मदी की उम्र 51 साल है और वह अब भी ईरान की एवान जेल में कैद हैं. ईरान ने उनको सरकार के खिलाफ प्रोपेगैंडा फैलाने के आरोप में गिरफ्तार किया है. उन्हें 31 साल की जेल और 154 कोड़ों की सजा सुनाई गई है. ओस्लो में नॉर्वेजियन नोबेल इंस्टीट्यूट ने इस पुरस्कार की घोषणा करते हुए कहा कि इस साल का शांति पुरस्कार उन लाखों लोगों को भी सम्मानित करता है, जिन्होंने पिछले साल ईरान के धार्मिक शासन की महिलाओं को निशाना बनाने वाली भेदभाव और उत्पीड़न की नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन किया था.
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कौन हैं नरगिस मोहम्मदी?
नरगिस मोहम्मदी का जन्म ईरान के जंजन शहर में 21 अप्रैल 1972 में हुआ था. फिजिक्स की पढ़ाई करने के बाद उन्होंने इंजीनियर और तौर पर काम किया. वह लम्बे समय से महिलाओं के हक के लिए आवाज उठा रही हैं. 2003 में उन्होंने तेहरान के डिफेंडर्स ऑफ ह्यूमन राइट सेंटर में काम शुरू किया. वह डिफेंडर ऑफ ह्यूमन राइट सेंटर की उप प्रमुख हैं. यह एक गैर सरकारी संगठन है, जिसे शिरिन एबादी ने बनाया था. जिन्हें 2003 में नोबेल शांति पुरस्कार मिल चुका है. नरगिस मोहम्मदी को जेल में बंद कार्यकर्ताओं और उनके परिवारों की सहायता करने का कोशिश करने के आरोप में पहली बार 2011 में जेल हुई थी.
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साहस पुरस्कार से भी हो चुकी हैं सम्मानित
2022 में उन्हें रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स (RSF) के साहस पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था. यहां पर आपको यह भी बता दें कि एक इंटरव्यू में नरगिस ने कहा था कि उन्होंने 8 साल से अपने बच्चों को नहीं देखा है. नरगिस की दोनों बेटियां उनके पति तागी रहमानी के साथ फ्रांस में रहती हैं. नरगिस ने एक किताब भी लिखी है, जिसका नाम व्हाइट टॉर्चर है. बता दें कि मोहम्मदी 122 साल पुराना पुरस्कार जीतने वाली 19वीं महिला हैं.
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