Bangladesh Protest: बांग्लादेश में आरक्षण के विरोध में लगातार प्रदर्शन जारी है. प्रदर्शनकारी मुक्ति योद्धाओं के परिवारों को मिल रहे आरक्षण के खिलाफ सड़कों पर जमकर हंगामा कर रहे हैं. प्रदर्शनकारियों द्वारा पत्थरबाजी, बाजारों में आगजनी की जा रही है. खबरों के मुताबिक इन प्रदर्शनों में अब तक 131 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं.
इसी बीच बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने मुक्ति योद्धाओं को आरक्षण का विरोध कर रहे उपद्रवियों को रजाकार करार दिया है. शेख हसीना आरक्षण व्यवस्था का समर्थन करती है. उन्होंने कहा है कि देश की आजादी के लिए अपना सर्वस्व अर्पित करने वालों के परिवार सर्वोच्च सम्मान के पात्र हैं और उन्हें यह हक मिलना ही चाहिए.
हसीना ने कहा, मैं देश के लोगों से पूछना चाहती हूं कि अगर हमारे मुल्क में अगर स्वतंत्रता सेनानियों के पोते-पोतियों को रिजर्वेशन का लाभ नहीं मिलेगा तो क्या रजाकारों के पोते- पोतियों को मिलेगा.'
कौन है रजाकार
लेकिन क्या आप जानते है कि रजाकार कौन है? रजाकार असल में भारत में हैदराबाद के मुस्लिम शासक की निजी सेना थी. इस सेना में सभी कट्टरपंथी मुसलमान शामिल थे. उन्होंने निजाम के शासन के खिलाफ आवाज उठाने हिंदुओं का बेदर्दी से कत्लेआम किया था.
वर्ष 1971 में जब बांग्लादेश के लोगों ने पाकिस्तान से मुक्ति अभियान शुरू किया तो पाकिस्तानी सेना ने उन पर कहर ढहाना शुरू कर दिया. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जमात-ए-इस्लामी के एक वरिष्ठ सदस्य मौलाना अबुल कलाम मुहम्मद यूसुफ ने पूर्वी पाकिस्तान के खुलना में रजाकारों का पहला समूह बनाया.
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