जानें कौन हैं शेख हसीना, बांग्लादेश की 'आयरन लेडी' को क्यों छोड़ना पड़ा देश?

Written By अनामिका मिश्रा | Updated: Aug 05, 2024, 03:28 PM IST

Sheikh Hasina

शेख हसीना 5 बार बांग्लादेश की प्रधानमंत्री रह चुकी हैं. शेख हसीना की पार्टी को आम चुनाव 2024 में 2 लाख 49 हजार 465 वोट मिले जबकि, विपक्षी दलों को महज 469 वोट ही मिले.

शेख हसीना बांग्लादेश की प्रधानमंत्री हैं. बांग्लादेश की आयरन लेडी कही जाने वाली शेख हसीना 5 बार से प्रधानमंत्री पद संभाल रही हैं. बांग्लादेश की प्रमुख राजनीतिक नेता और अवामी लीग पार्टी की प्रमुख, शेख हसीना, को उनके समर्थनकर्ताओं ने 'आयरन लेडी' का टाइटल दिया है. हाल ही में बांग्लादेश में भड़की हिंसा ने शेख हसीना को पद छोड़ने पर मजबूर कर दिया. 

कौन हैं शेख हसीना?
शेख हसीना का जन्म 28 सितंबर 1947 को हुआ. शेख हसीना बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान की सबसे बड़ी बेटी हैं. उनका शुरुआती जीवन पूर्वी बंगाल के तुंगीपाड़ा में बीता है. उन्होंने छात्र राजनीति से सियासत में कदम रखा और आगे चलकर उन्होंने अपने पिता की पार्टी आवामी लीग के स्टूडेंट विंग को संभाला.

कैसे आईं राजनीति में?
शेख हसीना ने पहली बार छात्र राजनीति के जरिए सियासत में कदम रखा. साल 1966 में जब वो ईडन महिला कॉलेज में पढ़ रही थीं, तब स्टूडेंट यूनियन का चुनाव लड़ा और वाइस प्रेसिडेंट बनीं. इसके बाद वह अपने पिता की पार्टी आवामी लीग के स्टूडेंट विंग में शामिल हुईं और सारा कामकाज संभालने लगीं. इसके साथ ही वो यूनिवर्सिटी ऑफ ढाका में भी छात्र राजनीति में सक्रिय रहीं.


ये भी पढ़ें-बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने छोड़ा पद, सेना के खास हेलिकॉप्टर से भारत रवाना


हसीना के मां, बाप और 3 भाईयों की हत्या
शेख हसीना राजनीति में काफी सक्रिय हो चुकी थीं. कामकाज अच्छे से चल रहा था, लेकिन साल 1975 में हुए एक हादसे ने सबकुछ बदल दिया.  बांग्लादेश की सेना ने बगावत कर दी और हसीना के परिवार के खिलाफ विद्रोह छेड़ दिया. हथियारबंद लड़ाकों ने शेख हसीना की मां, उनके तीन भाई और पिता शेख मुजीबुर रहमान को मौत के घाट उतार दिया. उस वक्त हसीना अपने पति वाजिद मियां और छोटी बहन के साथ यूरोप में थीं. माता पिता की हत्या के बाद हसीना ने कुछ समय जर्मनी में बिताया और बाद में वो भारत आईं. यहां भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने हसीना को भारत में शरण दी. हसीना अपनी बहन के साथ दिल्ली आ गईं और करीब 6 साल तक भारत में अपना समय गुजारा. इसके बाद एक बार फिर हसीना 1981 में बांग्लादेश लौंटी और फिर से अपनी पार्टा को आगे बढ़ाया. 

क्यों छोड़ा देश?
बांग्लादेश में छात्र संगठन सरकारी नौकरियों के लिए कोटा प्रणाली खत्म करने की मांग को लेकर लगातार प्रदर्शन कर रहे थे. हिंसा इतनी भड़क चुकी  थी की 100 लोगों की जान तक चली गई. इस मामले में छात्र प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग कर रहे थे. हालात बिगड़ते देख शेख हसीना ने इस्तीफा दे दिया है और बांग्लादेश भी छोड़ दिया है. 

ख़बर की और जानकारी के लिए डाउनलोड करें DNA App, अपनी राय और अपने इलाके की खबर देने के लिए जुड़ें हमारे गूगलफेसबुकxइंस्टाग्रामयूट्यूब और वॉट्सऐप कम्युनिटी से.