डीएनए हिंदी: अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसला सुनाया है. इस फैसले पर पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी खुशी जाहिर की है. यह केस जीतने वाले वकील की चर्चा हर ओर हो रही है. अमेरिका के लोग भी इस वकील को सच्चा देशभक्त और नेशनल हीरो बता रहे हैं. वकील का नाम है नील कत्याल. एडवोकेट नील कत्याल भारतीय मूल के हैं और वह बराक ओबामा के बेहद खास भी माने जाते हैं.
अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने 3 के मुकाबले 6 के बहुमत से यह फैसला सुनाया. इस फैसले के बाद बराक ओबामा ने ट्वीट करके लिखा, 'आज सुप्रीम कोर्ट ने स्वतंत्र राज्य विधायिका की थ्योरी को खारिज कर दिया जो कि हमारे लोकतंत्र के लिए खतरा थी और संतुलन के हमारे सिस्टम को ध्वस्त कर सकती थी.' इस संवैधानिक मामले में लंबे समय से लड़ाई चल रही थी कि नील कत्याल इस थ्योरी के खिलाफ केस लड़ रहे थे.
क्या है पूरा मामला?
अमेरिका में पूरा प्रशासन डुअल यानी दोहरे सिस्टम पर काम करता है. वहां की राज्य सरकारें अपने राज्यों के लिए अलग कानून बना सकती हैं. इसी के तहत एक प्रस्ताव लाया गया था कि चुनाव के नियम भी राज्य की विधानसभाएं तय कर सकती हैं और इसमें विधानसभाओं की वरीयता अदालतों से भी ज्यादा होगी. कॉमन कॉज नाम का वॉचडाग ग्रुप इसके खिलाफ केस लड़ रहा था. बराक ओबामा और उनके समर्थक इसी ग्रुप के समर्थन में थे. नील कत्याल इसी ग्रुप की ओर से पेश हो रहे थे.
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अब अमेरिका की सुप्रीम कोर्ट ने मूर बनाम हार्पर के इस केस में फैसला सुनाया है. 6 जजों ने प्रस्ताव को खारिज कर दिया जबकि 3 जजों ने प्रस्ताव को मंजूरी दी. इस प्रकार बहुमत से यह प्रस्ताव खारिज कर दिया गया. इससे पहले, राज्य की विधानसभाओं को हल्की निगरानी के साथ अधिकार दिए गए थे कि वह संघीय चुनावों के नियम बना सकती है. अब सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि राज्य के विधायी कार्यों को जूडिशल रिव्यू से अलग नहीं रखा जा सकता है.
नील कत्याल कौन हैं?
भारतीय मूल के नील कत्याल 53 साल के वकील हैं. उनका जन्म अमेरिका में ही हुआ है लेकिन उनके मां और पिता भारतीय हैं. नील कत्याल ने डार्टमाउथ कॉलेज, अमेरिका से वकालत की पढ़ाई की. वह होगन लोवेल्स नाम की लॉ फर्म के साथ काम करते हैं. Netflix के शो हाउस ऑफ कार्ड्स में भी वह नजर आए थे जब उन्होंने कैमियो रोल किया था. बराक ओबामा के राष्ट्रपति रहने के दौरान नील कत्याल प्रिंसिपल डिप्टी सॉलिसिटर जनरल भी रह चुके हैं.
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वह एक साल के लिए अमेरिका के कार्यकारी सॉलिसिटर जनरल भी बने थे. उसी वक्त से वह बराक ओबामा के खास लोगों में गिने जाते हैं. नील कत्याल के पिता पेशे से इंजीनियर हैं और मां चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉक्टर हैं.
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