Jail जाने से बचने के लिए महिला ने कोर्ट को दिए कैंसर पीड़ित होने के फर्जी डॉक्यूमेंट्स

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Jul 07, 2022, 12:57 PM IST

सांकेतिक तस्वीर

Fraud to Avoid Jail: जेल जाने से बचने के लिए अमेरिका की एक महिला ने कोर्ट में फर्जी कागजात देकर यह साबित कर दिया है वह कैंसर की मरीज हैं और जेल में रहना उनके लिए ठीक नहीं होगा.

डीएनए हिंदी: अमेरिका के कैलिफोर्निया में 38 वर्षीय एक महिला ने जेल जाने से बचने के लिए गजब ही तरकीब निकाल ली. पैसों की हेराफेरी के मामले में खुद को जेल जाने से बचाने के लिए महिला ने कोर्ट में दावा किया कि वह कैंसर से पीड़ित है. महिला ने अपने इस दावे को साबित करने के लिए कुछ कागजात भी जमा किए. हालांकि, ये कागजात फर्जी निकले और अब महिला को एक साल के बजाय तीन साल जेल की सजा भुगतनी होगी. 

सजा सुनाने वाले जज को सौंपे गए एक नोट में कहा गया कि आरोपी महिला के गर्भाशय में 'कैंसर सेल' का पता चला है. इसके बाद जज को बताया गया कि आरोपी की सर्जरी चल रही है और उसका कैंसर फैल गया है. तीसरे पत्र में कहा गया कि उसकी नाजुक स्थिति के कारण उसे उन हालात में नहीं रखा जा सकता जहां वह कोविड-19 से संक्रमित हो सकती है. 

यह भी पढ़ें- Andhra Pradesh में मुर्गों की लड़ाई करवा रहे थे टीडीपी के पूर्व विधायक, छापेमारी के बाद हो गए फरार

डेढ़ लाख डॉलर से ज्यादा की हेराफेरी
फेडरल जांच ब्यूरो (एफबीआई) के अधिकारियों का कहना है कि कैंसर होने की बात और उससे संबंधित पत्र सब कुछ फर्जी है और एश्ली लिन शावेज को अब तीन गुना अधिक समय के लिए जेल में रहना होगा. अदालत ने पहले उसे एक साल जेल की सजा सुनाई थी जिसे बढ़ाकर तीन साल कर दिया गया है. दरअसल, शावेज जिस कंपनी में काम करती थीं उससे 1,60,000 डॉलर से अधिक पैसे की हेराफेरी की और इस मामले में 2019 में दोषी होने की याचिका दायर की. कैंसर से पीड़ित होने के फर्जी दावे ने आरोपी महिला को जमानत पर 31 मार्च 2021 तक जेल जाने से बचाए रखा. इसके बाद अदालत में सौंपे नोट के जरिए उसे तीन महीने की और मोहलत मिली.

यह भी पढ़ें- बंगाल में TMC नेता समेत 3 लोगों की गोली मारकर हत्या,  अज्ञात हमलावरों ने की अंधाधुंध फायरिंग 

अधिकारियों ने कहा कि यह सब होने के बाद शावेज छह महीने तक जेल जाने से बची रही. सैन डिएगो यूनियन ट्रिब्यून अखबार के मुताबिक, शावेज के वकील बेंजामिन किंगटन ने कहा कि शावेज को अपने नवजात शिशु से अलग होने का डर सता रहा था. अदालत को सौंपे गए नोट में यह भी दावा किया गया कि महिला बीमारी के चलते काम करने में भी अक्षम है और अपने पूर्व नियोक्ता को हर्जाने की रकम अदा नहीं कर सकती. शावेज के दो अलग-अलग वकीलों ने यह माना कि नोट में कही बात सही हैं और उन्हें अदालत में सौंपा गया. 

कैंसर पीड़ित बताने के लिए सौंपे फर्जी मेडिकल डॉक्यूमेंट्स
अगस्त 2021 में शावेज ने फर्जी नोट सौंपे जिसमें अदालत से अनुरोध किया गया कि उसे सजा की अवधि के दौरान घर पर ही नजरबंद कर दिया जाए. एक नोट में कहा गया कि जेल में बिताया गया एक साल महिला के लिए मौत की सजा के समान हो सकता है. संघीय अधिकारियों ने जब नोट में उल्लिखित डॉक्टरों से संपर्क किया तो उन्होंने ऐसा कोई पत्र लिखने की बात से इनकार कर दिया हालांकि शावेज ने उन डॉक्टरों में से एक से इलाज करवाया था. एफबीआई के विशेष एजेंट स्टेसी मोय ने बयान में कहा, 'इस आरोपी ने जेल जाने से बचने के लिए फर्जी कागजात बनाए ताकि वह दावा कर सके कि उसे कैंसर है.'

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों पर अलग नज़रिया, फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर. 

Jail Cancer Fraud Fraud News