डीएनए हिंदीः मलेरिया (Malaria) के खिलाफ वैज्ञानिकों को बड़ी सफलता हाथ लगी है. कई महीनों की रिसर्च के बाद वैज्ञानिकों ने मलेरिया के खिलाफ टीका (Anti Malaria Vaccine) विकसित किया है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने तीन देशों में टीके को लगाने की घोषणा की है. नामी कंपनी ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन (GSK) की ओर से बनाया गया 'मॉस्कीरिक्स' (Mosquirix) दुनिया का पहला मलेरिया रोधी टीका बताया जा रहा है. इस टीके को बनाने में बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन (Melinda & Gates Foundation) ने 20 करोड़ डॉलर का भारी फंड दिया था.
कितना प्रभारी है यह टीका
अभी तक की रिसर्च में यह टीका 30 फीसदी तक प्रभावी बताया जा रहा है. इस टीके की 4 खुराकें लेनी होती हैं. इसकी कीमत का हो अभी खुलासा नहीं किया गया है कि लेकिन इसे काफी महंगा बताया जा रहा है. फिलहाल इसकी कीमत को देखते हुए बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन की ओर से इसे लोगों को पहुंचाने के मिशन से हाथ वापस ले लिए गए हैं.
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जल्द आ सकता है एक और टीका
मरेलिया के खिलाफ कई और टीकों पर भी काम किया जा रहा है. इसे लेकर लीवरपूल स्कूल ऑफ ट्रॉपिकल मेडिसिन में बायोलॉजिकल साइंस के डीन एलिस्टर क्रेग ने कहा, 'यह दुनिया का कोई बहुत बड़ा टीका नहीं है, लेकिन इसके इस्तेमाल से बड़ा प्रभाव पड़ सकता है.' उन्होंने कहा कि अगले 5 साल में कोरोना का एक और टीका सामने आ सकता है.
भारतीय कंपनी की भी ली जा सकती है मदद
अफ्रीकी देशों में मलेरिया की समस्या सबसे ज्यादा है. जीएसके का कहना है कि 2028 तक हम केवल डेढ़ करोड़ खुराक का ही उत्पादन कर सकते हैं जबकि यहां हर साल ढाई करोड़ बच्चे पैदा होते हैं. इसके लिए 10 करोड़ खुराक की जरूरत पड़ेगी. ऐसे में इसके लिए एक भारतीय कंपनी की भी मदद ली जा सकती है.
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