डीएनए हिंदी: तीसरी बार चीन के राष्ट्रपति बनने के बाद शी जिनपिंग ने चीनी सेना को ‘ग्रेट वॉल ऑफ स्टील’ बनाने का सोमवार को संकल्प लिया. चीन ने हाल में सऊदी अरब और ईरान के बीच सुलह समझौता कराकर वैश्विक मामलों में और बड़ी भूमिका निभाने की मंशा का संकेत दिया है. ईरान और सऊदी अरब 7 साल के तनाव के बाद राजनयिक संबंध बहाल करने और दूतावासों को फिर से खोलने पर सहमत हो गए. पिछले सप्ताह बीजिंग में हुआ यह समझौता चीन के लिए एक बड़ी कूटनीतिक जीत के तौर पर देखा जा रहा है क्योंकि खाड़ी देशों का मानना है कि अमेरिका धीरे-धीरे मध्य पूर्व से पीछे हट रहा है.
चीन की संसद ने 10 मार्च को शी जिनपिंग को अभूतपूर्व रूप से पांच साल का तीसरा कार्यकाल देने का सर्वसम्मति से समर्थन किया, जिससे उनके ताउम्र सत्ता में बने रहने का रास्ता साफ हो गया. पिछले साल अक्टूबर में चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी (CPC) की कांग्रेस की बैठक में 69 वर्षीय जिनपिंग को फिर से सीपीसी का नेता चुना गया था. इसी के साथ वह सीपीसी के संस्थापक माओत्से तुंग के बाद पांच साल के तीसरे कार्यकाल के लिए पार्टी प्रमुख चुने वाले पहले चीनी नेता बन गए थे. चीन की संसद द्वारा राष्ट्रपति के रूप में तीसरा कार्यकाल देने का सर्वसम्मति से समर्थन किए जाने के बाद पहली बार दिए भाषण में जिनपिंग ने कई बड़ी घोषणाएं की.
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चीन की राष्ट्रीय विधायिका के समापन समारोह में जिनपिंग ने कहा, ‘मैं तीसरी बार राष्ट्रपति का पद ग्रहण कर रहा हूं. लोगों का भरोसा मुझे आगे बढ़ने की सबसे अधिक प्रेरणा देता है और यह भरोसा कायम रखना मेरे कंधों पर एक भारी जिम्मेदारी भी है.’ उन्होंने संकल्प लिया कि वह संविधान द्वारा सौंपे गए कर्तव्यों का ईमानदारी से पालन करेंगे और चीनी लोगों के अटूट विश्वास को कभी कम नहीं होने देंगे.’ जिनपिंग ने कहा कि सुरक्षा विकास का आधार है, जबकि स्थिरता समृद्धि की एक शर्त है.’
'Great Wall of steel' बनाने का ऐलान
जिनपिंग ने चीन के रक्षाबलों के आधुनिकीकरण को आगे बढ़ाने और सशस्त्र बलों को ग्रेट वॉल ऑफ स्टील बनाने के प्रयासों का भी आह्वान किया. उन्होंने कहा कि देश की सेना राष्ट्रीय संप्रभुता, सुरक्षा और विकास हितों की प्रभावी ढंग से रक्षा करने में सक्षम है. चीनी राष्ट्रपति ने दुनिया के सात अजूबों में शामिल ‘ग्रेट वॉल ऑफ चाइना’ का जिक्र करते हुए यह बात की. चीन की 20,000 किलोमीटर से भी लंबी इस विशाल दीवार को चीन के विभिन्न शासकों द्वारा हमलावरों से रक्षा के लिए बनवाया गया था. जिनपिंग का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब अमेरिका और कुछ पड़ोसी देशों के साथ चीन के संबंध तनावपूर्ण हैं.
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