अमेरिका में क्यों डेल्टा वेरिएंट से ज्यादा Omicron से हो रही है लोगों की मौत?

अमेरिका में डेल्टा वेरिएंट की तुलना में ओमिक्रोन ज्यादा खतरनाक साबित हो रहा है.

अमेरिका (USA) कोविड (Covid-19) महामारी से जूझ रहा है. कोरोना वायरस (Coronavirus) की जद में अमेरिका के कई राज्य हैं. कोविड की गंभीर स्थिति का सामना कर रहे अमेरिका में हर दिन कोरोना मामले बढ़ रहे हैं. डेल्टा वेरिएंट (Delta Wave) की तुलना में ओमिक्रोन (Omicron) अमेरिका में ज्यादा खतरनाक साबित हो रहा है. आने वाले सप्ताह में भी अमेरिका में मौतों का आंकड़ा बढ़ सकता है.

Omicron से हर दिन ज्यादा हो रही हैं मौतें

अमेरिका (America) में कोरोना वायरस के डेल्टा वेरिएंट की तुलना में ओमिक्रोन वेरिएंट हर दिन ज्यादा लोगों की मौत हो रही है. अगले कुछ दिन या सप्ताह में मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है. अमेरिका में मृतकों की 7 दिन की औसत संख्या में नवंबर के मध्य से लगातार इजाफा हो रहा है.

कितने लोगों की जा रही है जान?

अमेरिका में मृतकों की संख्या गुरुवार को 2,267 तक पहुंच गई और सितंबर में 2,100 के आंकड़े को पार कर गई, जब डेल्टा वेरिएंट की वजह से आई लहर अपने पीक पर थी.
 

लाखों लोगों पर मंडरा रहा खतरा!

कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय (California University), इरविन में पब्लिक हेल्थ के प्रोफेसर एंड्रयू नोयमर ( Andrew Noymer) ने कहा है कि ओमीक्रोन के चलते हमें लाखों लोगों को खोना पड़ सकता है.  इस बात पर चर्चा की जानी चाहिए कि हम क्या अलग कर सकते हैं और कितने लोगों के जीवन को बचा सकते हैं. 

अमेरिका में हुई हैं सबसे ज्यादा कोविड से मौतें!

अमेरिका में कोविड-19 की वजह से 8,78,000 लोगों की मौत हो चुकी है. दुनियाभर में सबसे ज्यादा कोविड से मौतें अमेरिका में हुई हैं. अमेरिका में औसत मृत्युदर फरवरी 2021 की तरह ही है. तब अमेरिका में औसद 3,300 मौतें कोविड की वजह से हो रही थीं.

जनता बरत रही है सावधानी

अमेरिका में एपी-एनओआरसी के सर्वे में यह बात सामने आई है कि ओमिक्रोन वायरस के बढ़ते मामलों के बीच अमेरिकी जनता सावधानी बरत रही है. लोग घबराए हुए हैं कि टीकाकरण के बाद भी स्थितियां नियंत्रण में नहीं है.

किसके लिए ज्यादा है खतरा?

ओमिक्रोन के लक्षण अक्सर हल्के होते हैं,. कुछ संक्रमित लोगों में कोई लक्षण नहीं देखे जा रहे हैं. शोधकर्ताओं का दावा है कि यह फ्लू की तरह लक्षणों वाला है लेकिन घातक भी है. ज्यादा उम्र के लोगों के लिए ज्यादा खतरनाक है. उनकी मुश्किलें ज्यादा बढ़ सकती हैं जिनका टीकाकरण नहीं हुआ है.