Covid-19 को सामान्य फ्लू समझना जल्दबाजी, WHO ने क्यों दी वॉर्निंग?
WHO के अधिकारियों ने कहा है कि फ्लू की तरह Covid-19 का इलाज करना जल्दबाजी होगी. दुनियाभर में ओमिक्रॉन के केस बढ़ रहे हैं.
हैंस क्लूज ने कहा है कि यूरोप और मध्य एशिया के 53 देशों में से 50 देश ऐसे हैं जहां कोरोना संक्रमण केस बेहद तेजी से बढ़ रहे हैं. अब तक सामने आई जानकारियों के मुताबिक पहले के कोरोना वेरिएंट्स की तुलना में इस वेरिएंट में हल्के लक्षण देखे जा रहे हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने आगाह किया है कि इसे साबित करने के लिए ज्यादा आंकड़ों और अध्ययन की जरूरत है.
सोमवार को, स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज़ (Pedro Sanchez) ने दावा किया था कि इसके ट्रीटमेंट को सामान्य तौर पर करें क्योंकि समय के साथ यह कम घातक रह गया है. उनका कहना था कि कोरोना महामारी को महामारी नहीं बल्कि एक सामान्य बीमारी के तौर पर समझा जाए जिसे अलग से दर्ज करने की जरूरत नहीं है. ऐसे में विश्व स्वास्थ्य संगठन का यह बयान बेहद अहम है कि इसे सामान्य फ्लू समझने की जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए.
स्वास्थ्य संगठन के अधिकारियों का कहना है कि ओमिक्रॉन वेरिएंट अब भी एक अनिश्चित वायरस है जो तेजी से विकसित हो रहा है. हर दिन नई चुनौतियां सामने आ रही हैं. हम उस स्तर तक नहीं पहुंचे हैं जब यह कहा जा सके कि कोरोना एक सामान्य बीमारी है. आने वाले दिनों में यह एक स्थानिक बीमारी हो सकती है लेकिन 2022 में यह कहना मुश्किल है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि जिन टीकों को मंजूरी दी गई है वे ओमिक्रॉन समेत दूसरे वेरिएंट्स से लड़ने में असरदार हैं और गंभीर रूप से बीमार होने से बचाते हैं. मृत्युदर भी टीकों की वजह से घटी है. लगातार बदल रहे वेरिएंट की वजह से अस्पतालों में अब मरीजों की संख्या बढ़ी है. वैश्विक महामारी का सबसे अधिक बोझ, स्वास्थ्यकर्मियों और फ्रंट लाइन वर्कर्स पर ही है.