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Christmas Tree से जुड़ी ये रोचक कहानियां जानते हैं आप?

25 दिसंबर को दुनिया भर में Christmas का त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है. क्रिसमस के त्योहार के साथ Christmas Tree की सजावट भी त्योहार का हिस्सा है. 

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  • Dec 20, 2021, 03:59 PM IST

Christmas Tree को सजाने की परंपरा सालों से चली आ रही है. अब तो भारत में भी Christmas का त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है. स्कूलों, मॉल, कॉलेज हर जगह क्रिसमस की रौनक दिखती है. Christmas Tree सजाने और इसे लगाने की परंपरा का भी रोचक इतिहास रहा है. जानिए कैसे हुई इस परंपरा की शुरुआत. 
 

1.जर्मनी से हुई शुरुआत 

जर्मनी से हुई शुरुआत 
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माना जाता है कि Christmas Tree सजाने की शुरुआत जर्मनी से हुई. बाद में इंग्लैंड में 19वीं शताब्दी में लोगों ने इसे अपना लिया. धीरे-धीरे यह परंपरा पूरे देश में फैल गई. 



2.सदाबहार फर भी कहते हैं Christmas Tree को 

सदाबहार फर भी कहते हैं Christmas Tree को 
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ऐसी मान्यता है कि सदाबहार फर वाला पेड़ कभी नहीं मुरझाता. इसलिए, हर साल Christmas Tree के तौर पर इसे चुना गया. कुछ जगहों पर ट्री के साथ खाने-पीने की चीज़ें, जिंजरब्रेड वगैरह रखने की भी परंपरा है.



3.Jesus Christ के जन्म से भी जुड़ी है मान्यता 

Jesus Christ के जन्म से भी जुड़ी है मान्यता 
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ऐसा माना जाता है कि जब Jesus Christ का जन्म हुआ था तब स्वर्ग से फरिश्ते भी आए थे. कहते हैं कि उस वक्त सदाबहार फर को सितारों से जगमग किया था. उस वक्त से ही यह परंपरा शुरू हो गई है. 



4.17वीं शताब्दी में मोमबत्ती से सजाने की हुई शुरुआत

17वीं शताब्दी में मोमबत्ती से सजाने की हुई शुरुआत
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क्रिसमस ट्री को मोमबत्ती से सजाने की शुरुआत 17वीं शताब्दी में हुई. अब तो रंग-बिरंगी झालर, रोशनियों और सजावट की बेशुमार चीजें हैं. 
 



5.वास्तु के लिहाज से भी खास है क्रिसमस ट्री

वास्तु के लिहाज से भी खास है क्रिसमस ट्री
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तिकोने आकार के क्रिसमस ट्री के पीछे एक मान्यता है कि यह अग्नि का प्रतीक है. पश्चिमी देशों में ठंड बहुत पड़ती है और वहां अग्नि को जीवनदायक माना जाता है. ऐसी मान्यता भी है कि घर में क्रिसमस ट्री सजाने के बाद हर तरह की नकारात्मकता दूर हो जाती है. 



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