शिक्षण संस्थानों में धार्मिक पहचान जाहिर करने वाले कपड़ों पर कई देशों में बैन लागू है. फ्रांस, इटली जैसे देशों में हिजाब या बुर्का की अनुमति नहीं है.
भारत में इस वक्त क्लासरूम में हिजाब पहनने को लेकर विवाद जारी है. दुनिया के कई देश ऐसे हैं जहां सार्वजनिक स्थलों पर चेहरा ढंकने वाले परिधान, बुर्का या हिजाब पहनने पर पाबंदी है. चेहरा ढंकने वाले परिधान के साथ क्लासरूम में एंट्री पर बैन चाड जैसे मुस्लिम बहुल देशों में भी है. जानें किन देशों में क्या है नियम.
फ्रांस में बुर्का-हिजाब के साथ स्कूल में नो एंट्री
फ्रांस पहला यूरोपीय देश है जिसने 2004 में स्कूलों में धर्म को जाहिर करने वाले कपड़ों के पहनने पर रोक लगाई थी. सरकार ने 2011 में सार्वजनिक स्थानों पर हिजाब या पूरा चेहरा ढकने पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा दिया था. 2021 में फ्रांस की नेशनल एसेंबली ने सेपरेटिज्म बिल पास किया है. इसके तहत स्कूल ट्रिप, सार्वजनिक स्थानों, प्राइवेट ट्रांसपोर्ट में यात्रा करते हुए हिजाब पहनने या किसी भी तरह से चेहरा ढंकने वाले कपड़ने पहनने पर पाबंदी है.
रूस की सुप्रीम कोर्ट ने हिजाब पर लगाया बैन
रूस के स्त्रावरोपूल क्षेत्र ने 2012 में स्कूलों में हिजाब पर प्रतिबंध लगाया था. मामला 2013 में सुप्रीम कोर्ट पहुंचा तो अदालत ने फैसले को सही ठहराया था. रूस की सरकार का कहना है कि हिजाब या बुर्का के लिए आधुनिक समतामूलक और प्रगतिशील रूस में कोई जगह नहीं है. डेनमार्क में भी बुर्का, हिजाब या चेहरा ढंकने वाले परिधान पहनने पर जुर्माने का प्रावधान है. डेनमार्क में इसके खिलाफ विरोध भी हुआ था लेकिन कानून लागू कर दिया गया है.
अफ्रीकी देश चाड में भी हिजाब पर बैन
अफ्रीकी का चाड मुस्लिम बहुल देश है. मुस्लिम बहुल आबादी वाले देश में सुरक्षा कारणों का हवाला देकर सरकार ने हिजाब या चेहरा ढकने की व्यवस्था पर 2015 से रोक लगा रखी है. आतंकी संगठन बोको हरम द्वारा किए गए बम हमले में 34 लोगों की मौत के बाद सरकार ने यह सख्त कदम उठाया था.
मुस्लिम बहुल देशों में ऐसी है स्थिति
सऊदी अरब और पाकिस्तान जैसे देशों में चेहरा ढंकने वाले परिधान क्लासरूम, सार्वजनिक जगहों पर पहनने की अनुमति है. कुछ मुस्लिम देश ऐसे भी हैं जहां चेहरा ढंकने पर पाबंदी है. सीरिया में मुस्लिम आबादी की तादाद करीब 70 फीसदी है. इजिप्ट में मुस्लिम आबादी करीब 90 फीसदी है. यहां की सरकारों ने विश्वविद्यालयों में साल 2010 और 2015 में चेहरे को पूरी तरह से ढंकने पर प्रतिबंध लगाया गया है.
इटली और श्रीलंका में भी सख्त कानून
इटली और श्रीलंका में भी बुरका या हिजाब पहनने पर रोक है. यहां पर अगर कोई भी महिला बुर्का पहनती है तो उस पर कानूनी कार्रवाई की जाती है. श्रीलंका ने आतंकी हमले के बाद काफी सख्ती बरती है. अब यहां सार्वजनिक स्थलों पर हिजाब, बुर्का या चेहरा ढंकने वाले परिधान पहनने की छूट नहीं है.
नोट: सभी तस्वीरें सांकेतिक तौर पर इस्तेमाल की गई हैं.