जानिए कौन हैं Pakistan के नए विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी? 

बिलावल भुट्टो जरदारी ने पाकिस्तान में इमरान सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर जोरदार भाषण देकर सुर्खियां बटोर ली थी.

पुष्पेंद्र शर्मा | Updated: Apr 27, 2022, 07:58 PM IST

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बिलावल भुट्टो जरदारी पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो और पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के बेटे हैं. वह पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो के नाती हैं. बिलावल का पूरा परिवार राजनीति से जुड़ा है. वह अपनी माता की ओर से सिंधी वंश और अपने पैतृक पक्ष में बलूच वंश के हैं. 

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बिलावल भुट्टो ने कराची ग्रामर स्कूल से शुरुआती पढ़ाई की थी. इसके बाद इस्लामाबाद के फ्रोबेल इंटरनेशनल स्कूल में पढ़ाई की. 1999 में अपनी मां के साथ दुबई जाने से पहले वह पाकिस्तान के छात्र रहे. दुबई के बाद आगे की पढ़ाई के लिए उन्होंने अपनी मां और अपने दादा के नक्शेकदम पर चलते हुए ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में आवेदन किया. जहां उन्हें क्राइस्ट चर्च में आधुनिक इतिहास और राजनीति पढ़ने के लिए ए​डमिशन दिया गया. 2012 में उन्होंने आर्ट्स में ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की. बाद में उन्होंने आर्ट्स में मास्टर किया. 

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जरदारी को 30 दिसंबर 2007 को 19 साल की उम्र में पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था. 27 दिसंबर को मां बेनजीर भुट्टो की हत्या के तीन दिन बाद ही वह अध्यक्ष नियुक्त किए गए. इस मौके पर उन्होंने अपनी शहीद मां को याद करते हुए कहा, मेरी मां ने हमेशा कहा था कि लोकतंत्र सबसे अच्छा बदला है. 

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28 जून 2018 को जरदारी के नेतृत्व में पीपीपी 2018 के आम चुनावों के लिए अपने चुनावी घोषणापत्र को अनवील करने वाली पहली राजनीतिक पार्टी बन गई. यह पार्टी का 10वां घोषणापत्र था और इसका शीर्षक था, 'बीबी का वादा निभाना है पाकिस्तान बचाना है.' 

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25 जुलाई 2018 को हुए पाकिस्तान के आम चुनावों में जरदारी के नेतृत्व में पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी ने चुनाव लड़ा और सिंध में सबसे बड़ी पार्टी समेत पाकिस्तान की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी. पार्टी ने नेशनल असेंबली में 43 सीटें जीतीं. यह 2013 के आम चुनावों की तुलना में 9 अधिक सीटें अधिक थी. 

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जरदारी ने कराची जिला दक्षिण (एनए-246), मलकंद (एनए-8) और लरकाना (एनए-200) से चुनाव लड़ा. उन्होंने लरकाना से 84,426 वोटों से शानदार जीत हासिल की. हालांकि दो अन्य सीटों से हार गए. 5 मार्च 2019 को जरदारी को मानवाधिकारों के लिए नेशनल असेंबली की स्थायी समिति के अध्यक्ष के रूप में चुना गया. बिलावल  नेशनल असेंबली में महिला अधिकारों, प्रेस की स्वतंत्रता, सिविल राइट्स, फॉरेन पॉलिसी और टेररिज्म जैसे मुद्दों की पैरवी कर चुके हैं. 
 

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जब पाकिस्तान में इमरान सरकार पर अविश्वास प्रस्ताव लाया गया उस दिन बिलावल ने नेशनल असेंबली में जोरदार भाषण देकर सरकार को घेरा था. पाकिस्तान में मुस्लिम लीग (नवाज) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी को कभी प्रतिद्वंद्वी माना जाता था लेकिन अब ये दोनों पार्टियां गठबंधन की सरकार बना चुकी हैं. मुस्लिम लीग (नवाज) के अध्यक्ष शहबाज़ शरीफ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री हैं.