स्पेन पहला ऐसा पश्चिमी देश बनने जा रहा है जहां महिलाओं को अलग से मेंस्ट्रुअल लीव दी जाएगी. टेलीग्राफ की रिपोर्ट के अनुसार कामकाजी महिलाएं पीरियड्स के दौरान अत्यधिक परेशानी या दर्द होने पर हर महीने तीन दिन का अवकाश ले सकती हैं. स्पेन की सरकार इस फैसले पर जल्द ही मुहर लगाने वाली है.
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समानता और लैंगिक हिंसा के खिलाफ स्टेस सेक्रेटरी एंजेला रोड्रिग्ज ने कहा कि इस मेंस्ट्रुअल लीव का उद्देश्य उन महिलाओं को राहत देना है जिन्हें अक्सर पीरियड के दौरान दर्द का सामना करना पड़ता है. रोड्रिग्ज ने कहा कि यह साफ करना बेहद जरूरी है कि दर्द से हमारा मतलब डिस्कम्फर्ट से नहीं है. इसका मतलब तेज दर्द, सिरदर्द और बुखार से है.
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नई नीति के तहत स्कूलों को जरूरतमंद लड़कियों के लिए सैनेटरी पैड की व्यवस्था करनी होगी. इसके अलावा समाज के हाशिए वाले तबकों से जुड़ी महिलाओं को भी सैनेटरी पैड मुफ्त में उपलब्ध कराए जाएंगे.
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डेलीमेल की खबर के अनुसार जापान, साउथ कोरिया, इंडोनेशिया और जाम्बिया जैसे दूसरे देश पहले ही महिलाओं के लिए मेंस्ट्रुअल लीव को मंजूरी दे चुके हैं. अमेरिका में यह नियम नहीं है, लेकिन कुछ कंपनियां ऐसी सुविधा देती हैं.
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भारत में भी कुछ कंपनिया मेंस्ट्रुअल लीव देती है. हालांकि इस मुद्दे पर यहां कई लोगों के अलग-अलग विचार हैं. महिलाओं में भी इसे लेकर एकमत नहीं है. कुछ महिलाएं इसे जरूरी मानती हैं, कुछ का कहना है कि इसे कार्यस्थल पर उनके साथ भेदभाव को और बढ़ावा मिलेगा.