कौन हैं न्यूजीलैंड की पत्रकार Charlotte Bellis जिन्हें Taliban ने दिया शरण का भरोसा

न्यूजीलैंड की महिला पत्रकार शार्लट बेलिस के सोशल मीडिया पोस्ट इस वक्त पूरी दुनिया में वायरल हो रहे हैं. बेलिस की मदद के लिए तालिबान आगे आया है.

शार्लट बेलिस अफगानिस्तान में अल जजीरा की तरफ से रिपोर्टिंग करने के लिए गई थीं. वहां प्रेग्नेंट होने पर उन्होंने अपने देश की सरकार से मदद की गुहार लगाई लेकिन निराशा हाथ लगी. कोरोना नियमों की वजह से न्यूजीलैंड ने उन्हें देश में एंट्री देने से इनकार कर दिया है. महिला पत्रकार का कहना है कि अफगान तालिबान की ओर से शरण देने की पेशकश की गई है. जानें क्या है यह पूरा मामला. 
 

अल जजीरा के लिए कर रही थीं रिपोर्टिंग

रेडियो न्यूजीलैंड के साथ एक इंटरव्यू में पत्रकार ने कहा कि यह अपने साथ हुए धोखे की तरह लगता है. शार्लट बेलिस अफगानिस्तान में अल ज़जीरा के लिए काम कर रही थीं. उनके फोटोग्राफर पार्टनर जिम ह्यूलेब्रोक भी उनके साथ ही काम कर रहे थे. कुछ दिनों बाद जब वह कतर की राजधानी दोहा लौटीं तब उन्हें एहसास हुआ कि वह गर्भवती हैं. कतर में शादी से पहले गर्भवती होना अवैध है. लिहाजा बेलिस ने अपनी गर्भावस्था को गुप्त रखा और न्यूजीलैंड लौटने की तैयारी करने लगी थीं. 

कोविड नियमों की वजह से नहीं मिली एंट्री

न्यूजीलैंड ने अपने कोरोना वायरस आइसोलेशन सिस्टम की क्षमता और बाधा को देखते हुए उन्हें देश में एंट्री नहीं दी है. न्यूजीलैंड के अधिकारियों को 59 दस्तावेज भेजे, लेकिन उनके आवेदन को खारिज करते हुए आपात वापसी की इजाजत नहीं दी गई. न्यूजीलैंड कोविड-19 प्रतिक्रिया मामले में मंत्री क्रिस हिपकिन्स ने कहा कि इस मामले में जांच का आदेश दिया गया है. न्यूजीलैंड में विदेश से लौटने वाले नागरिकों के लिए 10 दिनों तक आइसोलेशन में रहने का नियम है. हालांकि, बेलिस की स्थिति की चर्चा पूरी दुनिया में हो रही है और यह घटना जेसिंडा आर्डर्न सरकार के लिए शर्मिंदगी का सबब बन गई है.

लेख में अपनी सरकार के लिए जताई निराशा

इस जोड़े के पास रहने के लिए सिर्फ अफगानिस्तान का वीजा था. इसके बाद बेलिस ने तालिबान के वरिष्ठ लोगों से बात की थी. उन्होंने अपनी स्थिति को लेकर एक लेख में लिखा, 'आप सोच सकते हैं कि स्थिति कितनी खराब होगी जब एक अविवाहित गर्भवती महिला को तालिबान शरण दे.' उन्होने बताया कि तालिबान के वरिष्ठ अधिकारियों से उन्होंने बात की और अपनी पूरी स्थिति बताई है. इसके बाद तालिबान ने उन्हें अफगानिस्तान में रहने की इजाजत दी है.
 

तालिबान ने दिया मदद का भरोसा

अपने इंटरव्यू में महिला पत्रकार ने बताया कि तालिबान ने उनसे कहा कि वह अफगानिस्तान में बच्चे को जन्म दे सकती हैं. एक इंटरव्यू में बेलिस ने बताया कि तालिबान के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि हम आपके लिए खुश हैं, आप यहां आ सकती हैं और आपके लिए जरूरी इंतजाम की व्यवस्था हम करेंगे. चिंता मत करिए, सब कुछ ठीक हो जाएगा. उन्होंने कहा कि मेरी जरूरत के समय में, न्यूजीलैंड सरकार ने मेरे लिए सभी दरवाजे बंद कर दिए हैं. 
 

महिलाओं और लड़कियों पर रिपोर्टिंग कर हुईं चर्चित

बेलिस ने कहा कि न्यूजीलैंड के वकीलों, नेताओं और जनसंपर्क से जुड़े लोगों से उन्होंने बात की है. अब भी उन्हें अपने मुल्क वापस लौटने के लिए अनुमति मिलने का इंतजार है। बेलिस पिछले साल अल जजीरा के लिए काम करते हुए अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी से जुड़ी खबरों को दे रही थीं. इस दौरान उन्होंने तालिबान नेताओं से महिलाओं और लड़कियों से उनके सलूक के बारे में सवाल किए थे. इसके बाद पूरी दुनिया में उनकी साहसिक पत्रकारिता की तारीफ हुई थी.