Russia-Ukraine War: युद्ध का आठवां दिन, मुश्किल होते जा रहे हैं हालात, जानें अब तक के पांच अहम अपडेट

रूस ने कीव और खारकीव पर एक बार फिर भीषण बमबारी शुरू कर दी है. दुनिया रूस की निंदा कर रही है.

यूक्रेन (Ukraine) पर रूस के आक्रमण का आज आठवां दिन है. हमले की वजह से रूस पर लगातार दबाव बढ़ रहा है. बुधवार को संयुक्त राष्ट्र में अधिकतर देशों ने मांग की है कि रूस, हर हाल में यूक्रेन से बाहर निकले. रूसी सेना ने यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े शहर खारकीव में बमबारी फिर शुरू कर दी है. यूक्रेन की राजधानी कीव पर भी खतरा बढ़ गया है. रूस ने शहर के प्रमुख रणनीतिक बंदरगाहों को भी घेर लिया है.

कितने रूसी सैनिकों की हुई है मौत?

रूस का कहना है कि पिछले सप्ताह शुरू हुई सैन्य कार्रवाई में अभी तक करीब उसके 500 सैनिक मारे गए हैं और लगभग 1,600 जवान घायल हुए हैं. वहीं, यूक्रेन ने अपनी सेना के हताहत सैनिकों की जानकारी साझा नहीं की. यूक्रेन ने कहा कि 2,000 से अधिक असैन्य नागरिक मारे गए हैं. दोनों ही देशों के दावों की अभी तक पुष्टि नहीं हो पाई है. 

युद्ध के बीच यूक्रेन-रूस के अधिकारियों की मुलाकात

यूक्रेन और रूस के राजदूत बृहस्पतिवार को दूसरी बार बेलारूस में मुलाकात करेंगे जिससे युद्ध को रोकने का कोई सही तरीका खोजा जा सके. दोनों के बीच सहमति बनने की संभावना कम ही नजर आ रही है.

कितने लोगों ने छोड़ा है यूक्रेन?

संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक सात दिन से जारी रूसी आक्रमण में 8,70,000 से अधिक लोग यूक्रेन छोड़ चुके हैं, जिससे यूरोपीय महाद्वीप में शरणार्थी संकट बढ़ गया है. वहीं, संयुक्त राष्ट्र परमाणु निगरानी एजेंसी के प्रमुख ने आगाह किया कि लड़ाई यूक्रेन के 15 परमाणु रिएक्टर के लिए खतरा बन गई है.

चेर्नोबिल पर रूस का कब्जा, दुनिया को है डर

रूस ने पहले से ही बंद पड़े चेर्नोबिल परमाणु संयंत्र पर कब्जा कर लिया है. इस परमाणु संयंत्र में अप्रैल, 1986 में दुनिया की सबसे भीषण परमाणु दुर्घटना हुई थी, जब एक परमाणु रिएक्टर में विस्फोट के बाद रेडियोधर्मी विकिरण फैल गया था. रूसी सेना ने बुधवार को यूक्रेन के दो रणनीतिक बंदरगाहों की घेराबंदी की और देश के दूसरे सबसे बड़े शहर पर बमबारी शुरू कर दी, जबकि कीव के बाहर एक विशाल बख्तरबंद भी खड़ा दिखाई दिया.

रूस के खिलाफ हुए दुनिया के दिग्गज देश!

न्यूयॉर्क में, 193 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र महासभा ने रूस से अपने आक्रमण को रोकने और अपने सभी सैनिकों को तुरंत वापस बुलाने की मांग करने के लिए वोटिंग की. विश्व शक्तियों और छोटे द्वीप राज्यों ने रूस की निंदा भी की. इस प्रस्ताव के पक्ष में 141 वोट पड़े. पांच देशों ने इसके खिलाफ वोट दिया, जबकि 35 देश मतदान में शामिल नहीं हुए. महासभा के प्रस्ताव कानूनी रूप से बाध्यकारी नहीं होते हैं. दुनियाभर का रूस के खिलाफ जाकर वोटिंग करना यह दिखा रहा है कि अब रूस पर नैतिक दबाव बढ़ता जा रहा है. इसके उलट रूस यूक्रेन के प्रमुख शहरों पर भीषण बमबारी कर रहा है.