हमला तभी रुकेगा जब Ukraine मानेगा ये शर्तें, पुतिन ने कही सीधी बात!

पश्चिमी देशों की ओर यूक्रेन का झुकाव रूस को रास नहीं आ रहा है. युद्ध 12वें दिन भी जारी है. जब तक यूक्रेन हार नहीं मानेगा, युद्ध रुकेगा नहीं.

रूस (Russia) के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) यूक्रेन (Ukraine) को लेकर अपने रुख पर कायम हैं. रूसी सेनाएं, यूक्रेन पर कहर बनकर टूट रही हैं. खारकीव और कीव कभी आबाद शहर थे जो अब जर्जर होते नजर आ रहे हैं. पुतिन, यूक्रेन में जारी युद्ध तभी रोकेंगे जब वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की (Volodymyr Zelenskyy) रूस की सारी शर्तें मान लेंगे. दुनिया के कई देश यूक्रेन पर लगातार प्रतिबंध लगा रहे हैं. रूस को बड़ी आर्थिक क्षति पहुंच रही है. रूस के अन्य देशों से रिश्ते भी प्रभावित हो रहे हैं लेकिन व्लादिमीर पुतिन ने साफ कह दिया है कि बात तभी होगी जब यूक्रेन, रूस की शर्तें मान ले. आइए समझते हैं क्या हैं पुतिन की शर्तें?

पहली शर्त: 'लड़ना छोड़े यूक्रेन, माने हार, तभी युद्ध रुकेगा'

व्लादिमीर पुतिन चाहते हैं कि यूक्रेनी सेना अब हथियार डाल दे. उन्होंने कहा है कि यूक्रेनी सेना ही लगातार हमले कर रही है. रूस ने जिन इलाकों में सीजफायर किया है, वहां भी यूक्रेनी सेना ताबड़तोड़ फायरिंग कर रही है. पुतिन चाहते हैं कि वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की हार मानें और यूक्रेनी सेना हथियार डाल दे.

दूसरी शर्त: नाटो में कभी शामिल न हो यूक्रेन

व्लादिमीर पुतिन नहीं चाहते कि यूक्रेन किसी भी कीमत पर नॉर्थ अटलांटिक सैन्य संगठन (NATO) में शामिल हो. वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की का झुकाव पश्चिमी देशों की ओर है. अमेरिका से उनके बेहतर संबंध हैं. यूक्रेन नाटो में शामिल होने की कोशिश कर रहा है. नाटो के साथ जाना, पुतिन को मंजूर नहीं है. पुतिन कभी नहीं चाहते हैं कि यूक्रेन नाटो में शामिल हो. पुतिन यह भी नहीं चाहते हैं कि यूरोपियन यूनियन के साथ यूक्रेन का रिश्ता बने.

तीसरी शर्त: रूसी सेना को युद्ध के लिए उकसाना बंद करे यूक्रेन

व्लादिमीर पुतिन, यूक्रेन पर उकसावे का आरोप लगा रहे हैं. उनकी मांग है कि युद्ध के लिए यूक्रेन उकसाना बंद करे. यूक्रेनी सैनिक रूसी टैंकरों और सैनिकों को बंदी बना रहे हैं. सोशल मीडिया पर अपने आधिकारिक हैंडल्स से तस्वीरें भी यूक्रेन शेयर कर रहा है. पुतिन चाहते हैं कि यूक्रेन यह बंद करे और फायरिंग रोके.

नाटो से क्या है पुतिन को खतरा?

नाटो के 28 से ज्यादा सदस्य हैं. यूक्रेन के पड़ोसी देश पोलैंड, स्लोवाकिया, हंगरी और रोमानिया नाटो देशों का हिस्सा हैं. इसलिए अगर रूस इन देशों पर हमला करता है तो इसे सीधे तौर पर नाटो देशों पर हमला माना जाएगा. नाटो का अनुच्छेद 5 यही कहता है. अगर रूस ने ऐसा किया तो 34 लाख नाटो सैनिक रूस से भिड़ेंगे. नाटो में कुल 30 देशों में 34 लाख सैनिक हैं. यानी भारत जैसे देश की सेना का लगभग दोगुनी सेना रूस के 8 लाख सैनिकों के खिलाफ युद्ध में उतर सकती है. रूस को यह मंजूर नहीं है कि उसके सामने इतना बड़ा सैन्य खतरा पनपे.

क्या है यूक्रेन का रुख?

रूस के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने यूक्रेन के लोगों से अपील की है कि लोग रूस के के खिलाफ जंग जारी रखें. राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने शनिवार अपने राष्ट्र को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि यह जवाब देने का सही वक्त है. आपको बाहर निकलने और इस बुराई को अपने शहरों से बाहर फेंकने की जरूरत है. रूस के खिलाफ चल रहे जंग को जारी रखें. रूस की बमबारी में कीव शहर बर्बाद हो गया है. इमारतें क्षतिग्रस्त हो गईं हैं और लोगों का जीना मुहाल हो गया है. ज़ेलेंस्की फिर भी युद्ध जारी रखने की अपील कर रहे हैं. रूस पूरे शहर पर कब्जे की फिराक में है.