PHOTOS: ये है Santa Claus का गांव, लोग भेजते हैं Wishlist,बन चुका है रिकॉर्ड

अब जब X'mas Day इतना नजदीक है तो हम सांता गांव चलते हैं जहां वे ना सिर्फ आते हैं बल्कि लोगों की इच्छाओं को भी पूरी करते हैं.

इच्छा पूरी करने वाले जिन्नी से लेकर गिफ्ट्स देने वाले सांता क्लॉज तक कई ऐसी लोककथाएं हैं, जिन्हें बार-बार सच मानने का मन करता है. वैसे तो सच में कहां जिन्न या सांता क्लॉज होते हैं!! मगर अब जब क्रिसमस डे इतना नजदीक है तो फिर एक बार कहानियों वाले सांता पर यकीन करिए और चलिए सांता के उस गांव में जहां आज भी सांता का आना और हमारी विशेस को पूरा करना कोई कल्पना नहीं बल्कि हकीकत है. 

सांता का गांव

बर्फ से ढके रहने वाले फिनलैंड में एक जगह है 'रोवानिएमी'. ये कोई आम जगह नहीं है. इसे दुनिया भर में सांता के आधिकारिक गांव का दर्जा हासिल है. बीते दो सालों की बात ना करें तो इससे पहले यहां हर साल क्रिसमस के मौके पर सैंटा से मिलने के लिए लोगों की भीड़ जुटती रही है.
 

23 दिसंबर से सेलिब्रेशन 

'रोवानिएमी' में क्रिसमस सेलिब्रेशन की शुरुआत 23 दिसम्‍बर से 'सांता इज ऑन हिज वे' इवेंट से होती है. कहा जाता है कि इस दिन सांता क्लॉज रेनडियर वाली अपनी स्लेज के जरिए लोगों से मिलने निकल पड़ते हैं. 

बर्फ से ढका रहता है गांव

फिनलैंड की लोककथाओं में बताया गया है कि 270 ईसवीं में सांता का जन्म इसी गांव में हुआ था. इस गांव में सांता का एक ऑफिस और स्टाफ है. इस गांव के सोशल मीडिया पर पेजेस भी हैं और वेबसाइट भी है. ये सारी फोटोज भी इस गांव के इंस्टाग्राम हैंडल से ली गई हैं. 

हर साल आती हैं ढेरों चिट्ठियां

तस्वीरों और रिपोर्ट्स की मानें तो सांता के ऑफिस में हर साल बच्चों की ढेर सारी चिट्ठियां आती हैं. सांता इन चिट्ठ‍ियों को पढ़ने के साथ इनके जवाब भी देते हैं. यानी जिनकी चिट्ठी इनके पास पहुंचती हैं उतनी जवाब के तौर पर बच्‍चों को भेजी भी जाती हैं. 

सांता भेजते हैं गिफ्ट

बताया जाता है कि इस ऑफिस में बैठकर साल भर सांता इन चिट्ठियों को पढ़ने और बच्चों को गिफ्ट भेजने का काम करते रहते हैं. सांता के ऑफिस में खूब सारे खिलौने भी हमेशा रखे रहते हैं. 
 

बन चुका है रिकॉर्ड भी

रिपोर्ट्स की मानें तो साल भर बच्चों के अलावा भी यहां लोग सांता को अपनी विशलिस्ट भेजते रहते हैं. एक ऐसी ही सबसे लम्बी लिस्ट को 2012 में गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में जगह मिली थी, जिसमें 75954 विशेज भेजी गईं थीं.