Sri Lanka crisis: श्रीलंका नहीं छोड़ पाएंगे महिंदा राजपक्षे, राजनीतिक अस्थिरता जारी, कब संभलेंगे हालात?
पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के भाई गोटाबाया राजपक्षे देश में गहराते संकट के बीच भाग गए हैं. अब महिंदा राजपक्षे पर देश छोड़कर जाने पर रोक लगा दी गई है.
केंद्रीय बैंक के दो पूर्व गवर्नरों सहित तीन अन्य पूर्व अधिकारी भी अदालत की अनुमति के बिना 28 जुलाई तक देश से बाहर यात्रा नहीं कर सकते हैं. यह फैसला पूर्व प्रधान मंत्री महिंदा राजपक्षे के भाई गोटबाया राजपक्षे के गहराते आर्थिक और राजनीतिक संकट के बीच देश से भाग जाने के कुछ दिनों बाद आया है.
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गोटाबाया राजपक्षे गहराते संकट के बीच लगातार देश छोड़ने की कोशिश में जुटे हुए थे. पहले मालदीव और उसके बाद सिंगापुर जानें की अटकलें लगाई जा रही है. उनके खिलाफ श्रीलंका में महीनों तक विरोध प्रदर्शन चला जिसके बाद यह फैसला लिया गया है. श्रीलंका के 2 करोड़ से ज्यादा लोग गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं.
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श्रीलंकाई संसद में 20 जुलाई को नए राष्ट्रपति का चुनाव होने वाला है. प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने कार्यवाहक राष्ट्रपति के तौर पर कार्यभार संभाल लिया है. संसद के स्पीकर महिंदा यापा अभयवर्धन ने कहा है कि गोटाबाया इस्तीफा ने गुरुवार को कानूनी तौर पर इस्तीफा दे दिया है.
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श्रीलंकाई प्रदर्शनकारियों ने आज राष्ट्रपति भवन को वापस सरकार को सौंप दिया है जिसे उन्होंने पिछले शनिवार को जब्त कर लिया था. राष्ट्रपति भवन को जितना नुकसान पहुंचा है उसका आंकलन करने के लिए फोरेंसिक टीम भी जांच कर रही है.
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श्रीलंका में प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने गोटबाया राजपक्षे का उत्तराधिकारी चुने जाने तक अंतरिम राष्ट्रपति के तौर पर शुक्रवार को शपथ ग्रहण की. उन्होंने कार्यवाहक राष्ट्रपति से ज्यादा शक्तियां संसद को देने के मकसद से संविधान के 19वें संशोधन को बहाल करने तथा कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने की अपील की है. सिंगापुर पहुंचे राजपक्षे ने अध्यक्ष महिंदा यापा अभयवर्धने को ईमेल के जरिए अपना इस्तीफा पत्र भेजा.
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2.2 करोड़ की आबादी वाला देश श्रीलंका सात दशकों में सबसे खराब आर्थिक संकट से जूझ रहा है, जिसके चलते लोग खाद्य पदार्थ, दवा, ईंधन और अन्य जरूरी वस्तुएं खरीदने के लिए संघर्ष कर रहे हैं.