Sri Lanka Economic Crisis: अंधेरे में सर्जरी, दूध-पानी के लिए हाहाकार, देखें क्या कह रहे हैं आम लोग!

श्रीलंका में आर्थिक संकट की वजह से देश भर में प्रदर्शन हो रहे हैं. प्रदर्शनों को देखते हुए सरकार ने आपातकाल लगा दिया है. लोग राशन के लिए लाइन में हैं.

| Updated: Apr 02, 2022, 09:05 PM IST

1

कोलंबो के रहने वाले जोसफ ने एक मीडिया चैनल से बात करते हुए बताया कि पिछले 2 दिनों से वह लाइन में लगे हैं ताकि डीजल मिल सके. उन्होंने कहा कि 2019 के बाद से हालात लगातार खराब हो रहे हैं. स्थानीय लोगों ने कहा कि पुलिस और प्रशासन की सख्ती को देखते हुए वह अपनी पहचान जाहिर नहीं कर रहे हैं. कुछ लोगों ने मीडिया पर पहचान छुपाकर बताया कि हालात इतने खराब हैं कि लोगों को पेट भर कर खाना भी नहीं मिल पा रहा है. 

2

बता दें कि राष्ट्रपति ने देश में आपातकाल की घोषणा कर दी है. पूरे देश में जगह-जगह लोगों का प्रदर्शन चल रहा है. लोग सरकार के खिलाफ गुस्सा जाहिर कर रहे हैं. 3 अप्रैल को विपक्षी दलों के नेतृत्व में जोरदार प्रदर्शन होने जा रहा है. प्रदर्शन को देखते हुए सरकार ने सख्त कानून लागू कर दिए हैं. लोगों को उपद्रव की आशंका में जेल में बिना कारण बताए डाला जा सकता है. देश में आपातकाल लागू है और 2 दिनों के लिए वीकेंड कर्फ्यू भी लगया गया है. 

3

पेट्रोल और डीजल का संकट चरम पर है और इनकी कीमतें आसमान छू रही हैं. अस्पतालों में बिजली कटौती की वजह से अंधेरे में जरूरी सर्जरी परफॉर्म करनी पड़ रही है. चीन से लिए बेहिसाब कर्ज की वजह से श्रीलंका के हालात इतने बुरे हो गए हैं. मुश्किल के इस हालात में भारत ने श्रीलंका को 40,000 मीट्रिक टन डीजल की मदद की है और इतनी ही मात्रा में चावल भी भेजा जाएगा.

4

विपक्ष के दूसरे नेता और विपक्षी सांसद मुजबिर रहमान ने कहा कि जब तक यह सरकार इस्तीफा नहीं देती, तब तक कुछ बेहतर नहीं होगा. श्रीलंका में खाने-पीने की चीजों की कीमतें आसमान छू रही हैं. इस वक्त देश की राजनीति पर राजपक्षे परिवार का कब्जा है. प्रधानमंत्री, वित्त मंत्री और राष्ट्रपति के पद पर एक ही परिवार के सदस्य हैं. नागरिकों में इसको लेकर भी खासी नाराजगी है. 

5

पिछले कुछ सालों में चीन ने श्रीलंका को बेहिसाब कर्ज दिया था. इस कर्ज को चुका पाने में नाकाम रहने के बाद से श्रीलंका में हालात तेजी से बदल गए हैं. देश का विदेशी मुद्रा भंडार शून्य के कगार पर है. देश में महंगाई की दर आजादी के बाद से सबसे अधिक है और जरूरी चीजों की भी किल्लत हो गई है. सरकार से नाराजगी का आलम यह है कि प्रदर्शन में मासूम बच्चे तक शामिल हो रहे हैं.