Sri Lanka में और बुरे हुए हालात, प्रदर्शन तेज, पुलिस ने दागे आंसू गैस के गोले

श्रीलंका (Sri Lanka) में आई आर्थिक अस्थिरता खत्म होती नजर नहीं आ रही है. गोटाबाया राजपक्षे (Gotabaya Rajapaksa) सरकार के खिलाफ आम जनता सड़कों पर उतर आई है. जगह-जगह उग्र विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. श्रीलंका में लगातार हो रहे विरोध प्रदर्शनों ने सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी है.

श्रीलंका (Sri Lanka) में आई आर्थिक अस्थिरता खत्म होती नजर नहीं आ रही है. गोटाबाया राजपक्षे (Gotabaya Rajapaksa) सरकार के खिलाफ आम जनता सड़कों पर उतर आई है. जगह-जगह उग्र विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. श्रीलंका में लगातार हो रहे विरोध प्रदर्शनों ने सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी है.

सड़कों पर सरकार के खिलाफ उतरे लोग

सरकार के खिलाफ छात्र, ट्रेड यूनियनवादी और बौद्ध पुजारियों ने शुक्रवार कोलंबो में विद्रोह छेड़ दिया है. कोलंबों में प्रदर्शनकारी बड़ी संख्या में सड़कों पर उतर आए हैं. पुलिस ने लगातार छठे दिन प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस और पानी की तोप चलाई.

कोलंबों की गलियों में उतरे प्रदर्शनकारी

गोटाबाया सरकार के खिलाफ लोग सड़कों पर तख्तियां और पैंप्लेट लेकर उतर आए हैं. गोटाबाया राजपक्षे श्रीलंका की अस्थिरता को संभाल नहीं पा रहे हैं. प्रदर्शनकारी मांग कर रहे हैं कि वह अपने पद से इस्तीफा दे दें. लोग गोटाबाया घर जाओ के नारे लगा रहे हैं.
 

सबसे बुरे दौर से गुजर रही है श्रीलंका की अर्थव्यवस्था

श्रीलंका की आर्थिक स्थिति अपने सबसे बुरे दौर में पहुंच गई है. लोग खाद्य और ईंधन संकट का सामना कर रहे हैं. लोगों के लिए इस आइलैंड देश में रहना मुश्किल हो रहा है. भारत श्रीलंका की मदद के लिए आगे आए हैं.

मुख्य विपक्षी पार्टी लाएगी अविश्वास प्रस्ताव

श्रीलंका की मुख्य विपक्षी पार्टी समागी जाना बालवेगया (SJB) ने कहा है कि अगर राजपक्षे सरकार श्रीलंका में लोगों को जरूरी चीजें मुहैया कराने में फेल हो रहे हैं तो उनके खिलाफ संसद में अविश्वास प्रस्ताव लाया जाएगा. एसजेबी की मांग है कि जनता को तत्काल रिलीफ मुहैया कराई जाए.

दिवालिया हो गया है श्रीलंका, नागरिकों में आक्रोश

विपक्षी नेता साजिथ प्रेमदासा ने कहा है कि श्रीलंका को सर्वशक्तिमान कार्यकारी अध्यक्ष पद को समाप्त करना चाहिए. श्रीलंका में तानाशाही को खत्म किया जाना चाहिए और संसद को मजबूत करना चाहिए. श्रीलंका दिवालिया होने की कगार पर पहुंच गया है लेकिन राजपक्षे सरकार कुछ ठोस कदम उठाती नजर नहीं आ रही है. (फोटो क्रेडिट- Twitter/sjbsrilanka)