Teachers Day 2022: क्या आपने कर दिया अपने टीचर्स को विश, भेजें ये खास मैसेज, जानें इस दिन की अहमियत

भारत में हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है. आइए जानते हैं शिक्षक दिवस (Teachers day facts) से जुड़े कुछ खास फैक्ट्स 

मनीष कुमार | Updated: Sep 04, 2022, 10:06 PM IST

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भारत में हर साल 5 सितंबर को देश के पहले उपराष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन (Sarvepalli Radhakrishnan) के जन्मदिन को शिक्षक दिवस (Shikshak Divas) के रूप में मनाया जाता है. साल 1962 में वे भारत के दूसरे राष्ट्रपति बने. उनकी इस बढ़ती कामयाबी से खुश होकर उनके कुछ पुराने छात्र और विद्यार्थी बड़े धूम-धाम से उनका जन्मदिन मनाना चाहते थे पर जब सर्वपल्ली राधाकृष्णन को यह बात पता चली तो उन्होंने सबसे आग्रह करते हुए कहा कि आप लोग मेरा जन्मदिन मत मनाइए. उनके प्रियजनों से उन्होंने आगे कहा कि अगर आपको यह दिन मनाना ही है तो इस दिन को शिक्षको (teachers day wishes in hindi)  के नाम कर उनका सम्मान करें बस तभी से इसी दिन शिक्षक दिवस (teachers day) की शुरुआत हुई.


 

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भारत ही नहीं बल्कि दुनियाभर में शिक्षक दिवस (teachers day) मनाया जाता है.  जहां भारत में 5 सितंबर को राष्ट्रीय शिक्षक दिवस (National Teachers Day) मनाया जाता है वहीं 5 अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक दिवस (international teachers day) मनाया जाता है. 5 अक्टूबर, 1966 में पहली बार यूएन में शिक्षकों की भूमिका को लेकर चर्चा हुई. इस चर्चा में शिक्षकों के कर्तव्य और अधिकार तय किए गए. इतना ही नहीं शिक्षकों की शिक्षा, उनके रोजगार और अन्य चीजों को लेकर एक पॉजिटिव रिस्पॉन्स मिला. इसके बाद यूनेस्को ने साल 1994 में 5 अक्टूबर को शिक्षक दिवस मनाने का ऐलान किया. उस समय यूनेस्को 21वीं सदी के लिए शिक्षा को लेकर अपना लक्ष्य निर्धारित कर रहा था, तभी शिक्षकों के सम्मान में इस दिन की घोषणा की गई.

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5 सितंबर 1888 में डॉ. राधाकृष्णन का जन्म हुआ था. वे एक महान शिक्षाविद् और दार्शनिक थे जिन्हें भारत रत्न से सम्मानित भी किया गया था. उन्होंने सदा ही शिक्षकों के सम्मान पर अधिक जोर दिया. उनका मानना था कि एक शिक्षक ही समाज को सही दिशा देने का काम कर सकता है. शिक्षक का सभी के जीवन में अलग ही महत्व होता है जिसे अनदेखा करना ठीक नहीं. इसलिए उनके सम्मान में भी एक दिन होना चाहिए जिस दिन विशेष रूप से समाज में उनके योगदान को याद किया जाए. इससे शिक्षकों के महत्व (Importance of Teachers day) को बढ़ावा मिलेगा.

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शिक्षक दिवस (How is Teacher's Day celebrated ?) के दिन स्टूडेंट्स अपने टीचर्स को ग्रीटिंग कार्ड, गिफ्ट्स सोशल मीडिया फेसबुक, व्हाट्सएप, इंटाग्राम, ट्विटर पर विश आदि देकर धन्यवाद देते हैं. इतना ही नहीं देशभर के स्कूल-कॉलेज, यूनिवर्सिटी, इंस्टीट्यूट और कोचिंग सेंटर्स  में भी डॉ. राधाकृष्णन को याद किया जाता है और कई भव्य कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता है. शिक्षकों को प्रोत्साहित करने और उनकी सराहना करने के लिए भारत के राष्ट्रपति हर साल 5 सितंबर को शिक्षकों को 'राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार' (National Teacher Awards) प्रदान करते हैं. 

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दुनियाभर में हर साल 5 अक्टूबर को इंटरनेशनल टीचर्स डे (How to celebrate International Teachers Day ?) मनाया जाता है. इस दिन यूनिसेफ (UNICEF), इंटरनेशनल लेबर ऑर्गेनाइजेशन और यूनेस्को मिलकर कार्यक्रमो का आयोजन करते हैं. इस दिन दुनियाभर में टीचर्स को शिक्षा के क्षेत्र में उनके दिए गए अतुल्य योगदान के लिए उन्हें सम्मानित भी किया जाता है. विश्वभर में कोई भी शिक्षक पीछे न रह जाए, इस पर चर्चा की जाती है. इतना ही नहीं  ग्लोबल एजुकेशन टारगेट को पूरा करने के लिए शिक्षकों की भूमिका की सराहना भी की जाती है.

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साल 1931 में चीन में सेंट्रल यूनिवर्सिटी में शिक्षक दिवस (Teacher's Day in china) की शरुआत हुई लेकिन 1939 में कन्फ्यूशियस (Confucius) के जन्मदिन यानी 27 अक्टूबर को शिक्षक दिवस मनाए जाने की अधिकारिक घोषणा की गई. इस घोषणा को 1951 में वापस ले लिया गया और साल 1985 में 10 सितंबर को अधिकारिक तौर पर शिक्षक दिवस घोषित किया गया. 

रूस में हर साल 1965 से अक्टूबर के पहले रविवार के दिन टीचर्स डे मनाया जाता था लेकिन साल 1994 में विश्व शिक्षक दिवस की घोषणा के बाद 5 अक्टूबर को ही शिक्षक दिवस मनाया जाने लगा. अमेरिका में 'शिक्षक दिवस' परंपरागत रूप से मई के पहले पूर्ण सप्ताह के मंगलवार को मनाया जाता है. इतना ही नहीं  ईरान के प्रोफेसर अयातुल्लाह मुर्तजा मोतिहारी की हत्या के बाद उनकी याद में 2 मई को टीचर्स डे मनाया जाता है. मलेशिया में 16 मई और थाईलैंड में 16 जनवरी को शिक्षक दिवस (Teachers day wishes and Quotes) मनाया जाता है.

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डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन शिक्षा के क्षेत्र में तो अव्वल थे ही साथ ही शिक्षा को लेकर उनके विचार बेहद सुंदर थे उनका मानना था कि "शिक्षक वह नहीं जो छात्र के दिमाग में तथ्यों को जबरन ठूंसे, बल्कि उन्हें चुनौतियों के लिए तैयार करें" ऐसा इसलिए क्योंकि तथ्यों को कोई भी तोते की तरह रट सकता है पर जीवन में केवल वही ज्ञान काम आता है जो आपको जीना सिखाए और जिंदगी में आने वाली हर परिस्थिति से सामना करने के लिए शक्ति दे व तैयार रखे.

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के अन्य कुछ विचार:
1. "ज्ञान हमें शक्ति देता है,और प्रेम हमें परिपूर्णता देता है"
2. "शिक्षा के द्वारा ही मानव मस्तिष्क का सदुपयोग किया जा सकता है."
3. "किताबें पढ़ने से हमें एकांत में विचार करने की आदत और सच्ची खुशी मिलती है."
4. "शिक्षा का परिणाम एक मुक्त रचनात्मक व्यक्ति होना चाहिए, जो कठिन परिस्थितियों के विरुद्ध लड़ सके."