इजरायल की दुखती रग है ये टूटी-फूटी दीवार, देखकर सुबकने लगते हैं यहूदी
Israel Western Wall: इजरायल की सैन्य ताकत और स्पाई एजेंसी मोसाद का लोहा पूरी दुनिया में माना जाता है. इसके बावजूद यहूदियों के लिए एक टूटी फूटी दीवार उनकी दुखती रग है. वहां जाकर इजरायली फफककर रोने लगते हैं.
इजरायल ही नहीं पूरी दुनिया के यहूदी लोगों के लिए वेस्टर्न वॉल या पश्चिमी दीवार, यहूदी धर्म का एक पवित्र स्थल है. इसे वेलिंग वॉल या कोटेल के नाम से भी जाना जाता है. यरुशलम के पुराने शहर में यह दीवार आज भी जर्जर हालत में है. इसे यहूदी धर्म के सबसे पवित्र स्थलों में से एक माना जाता है.
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पश्चिमी दीवार, जिसे "वेलिंग वॉल" या "कोटेल" के नाम से भी जाना जाता है को देखकर यहूदी सुबक-सुबककर रोने लगते हैं. यह प्राचीन यहूदी मंदिर की अंतिम निशानी है और यही वजह है कि इसे देखकर यहूदियों का दुख जिंदा हो जाता है.
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पहली शताब्दी शुरू होने से पहले फिलिस्तीन रोमन साम्राज्य के नियंत्रण में चला गया. रोमनों के शासन में ही यहूदियों के सबसे पवित्र स्थल सेकेंड टेंपल को तोड़ दिया गया था. आज उस मंदिर की सिर्फ टूटी-फूटी दीवार बची है और इसे देखकर यहूदी रोते हैं, क्योंकि अपनी विरासत को बचा नहीं पाने का दुख उन्हें होता है.
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रोमन साम्राज्य के दौर में यहूदियों को अपनी मातृभूमि छोड़कर यूरोप, अमेरिका समेत दूसरे देशों में शरण लेनी पड़ी थी. ऐसी मान्यता है कि उस दौरान यहूदी यरूशलम के लिए रोते थे और वापस लौटने की कसम खाते थे. वह हमेशा पश्चिमी दीवार को याद करके प्रार्थना करते थे और फिर से अपनी मातृभूमि वापस जाने की कसमें खाते थे.
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यहूदी लोगों की मान्यता है कि वेस्टर्न वॉल से सीधे उनका अपने ईश्वर से संवाद होता है. दुनिया भर के यहूदी अपनी मन्नतें लेकर यहां आते हैं और यहां भगवान के नाम पर चिट्ठियां भी छोड़ते हैं. वेस्टर्न वॉल के पास आकर यहूदी अपने पवित्र ग्रंथ तनखा भी पढ़ते हैं और अपने प्रभु को याद करते हैं.
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आधुनिक समय में, पश्चिमी दीवार इजरायल के लोगों और दुनिया भर में रहने वाले यहूदियों के लिए सिर्फ पवित्र धार्मिक जगह भर नहीं है. यहां धार्मिक अनुष्ठान तो होते ही हैं, बसांस्कृतिक और राष्ट्रीय समारोह भी आयोजित किए जाते हैं. यह कई कार्यक्रमों की मेजबानी करता है, जिसमें गंभीर आयोजनों से लेकर बार और बैट मिट्ज्वा जैसे खुशी के उत्सव शामिल हैं.