Covid-19 को ब्रिटेन ने भी माना जीवन का हिस्सा, 27 जनवरी से पाबंदियों में बड़ी छूट

Covid-19 की वजह से लगाई गई पाबंदियों पर धीरे-धीरे दुनिया के कई देश पाबंदियां हटा रहे हैं. ब्रिटेन ने देश में लागू कई पाबंदियों में बड़ी छूट दी है.

कोरोना वायरस का कहर अब तीसरे साल में है. कुछ हफ्ते पहले तक ब्रिटेन में Omicron का जबरदस्त कहर दिख रहा था. अब ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने भी देश में लागू कई पाबंदियां हटा दी हैं. साथ ही, ब्रिटेन के पीएम ने कहा है कि देश के 95% लोगों में अब एंटीबॉडी बन चुकी है. जानें कि ब्रिटेन में अब मास्क, वैक्सीन, वर्क फ्रॉम होम जैसी पाबदियों पर नए नियम क्या कहते हैं. 

27 जनवरी से वर्क फ्रॉम होम खत्म

कोरोना संक्रमितों की संख्या के हिसाब से दुनिया में चौथे नंबर पर चल रहे ब्रिटेन ने गुरुवार से अपने यहां वर्क फ्रॉम होम को खत्म कर दिया है. नए ऐलान के बाद अब सबको ऑफिस आकर ही काम करना होगा. 27 जनवरी से वर्क फ्रॉम होम खत्म किया जा रहा है. 
 

जापान में हुआ है शोध

जापान में क्योटो प्रीफेक्चुरल यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिसिन के शोधकर्ताओं ने यह शोध किया है. वैज्ञानिकों ने त्वचा पर वायरस के जीवन चक्र का पता लगाने के लिए कैडवर (शव) पर परीक्षण किया है. कैडवर के त्वचा पर वायरस का मूल रूप 8.6 घंटे, अल्फा 19.6, बीटा 19.1, गामा 11 घंटे, डेल्टा 16.8 घंटे जबकि ओमिक्रोन 21.1 घंटे तक जीवित पाया गया है.

ब्रिटेन की 72% आबादी को लग चुकी है दोनों डोज

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने बताया कि देश की 72% आबादी को कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लगाई जा चुकी है.  55%  लोगों को बूस्टर डोज लग चुकी है. ऐसे में ब्रिटेन की 95%आबादी को संक्रमण अथवा वैक्सीन के प्रभाव के कारण एंटीबॉडी की सुरक्षा मिल चुकी है. 

PM ने कहा, जीवन का हिस्सा है कोविड अब

वैक्सीन की दोनों डोज ले चुके लोगों को ब्रिटेन लौटने पर RTPCR रिपोर्ट की जरूरत नहीं होगी. 24 मार्च से सेल्फ आइसोलेशन की अनिवार्यता को भी खत्म की जा रही है. फिलहाल कोरोना संक्रमित की सेल्फ आइसोलेशन अवधि भी 7 दिन से घटाकर 5 दिन कर दी है. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने कहा कि कोविड अब लोगों की जिंदगी का हिस्सा बन चुका है.

कई यूरोपीय देश हटा रहे हैं पाबंदिया 

ब्रिटेन से पहले स्पेन ने भी अपने यहां मास्क और वैक्सीन लगाने की अनिवार्यता खत्म कर दी है. आयरलैंड ने भी वैक्सीन को स्वैच्छिक कर दिया है. दूसरे देश भी धीरे-धीरे पाबंदियों में ढील दे रहे हैं.