Adani Group Airport Deal: दुनिया के शीर्ष उद्योगपतियों में शुमार गौतम अडानी (Gautam Adani) के एक ऑफर ने अफ्रीकी देश केन्या में हंगामा मचा दिया है. अडानी ग्रुप (Adani Group) की तरफ से पेश 1.85 अरब डॉलर (करीब 1,55,37,61,40,365 भारतीय रुपये) की इस डील के चलते हजारों लोग नैरोबी के जोमा केन्याता इंटरनेशनल एयरपोर्ट (JKIA) पर फंस गए हैं. दरअसल इस डील के विरोध मे केन्या एविएशन वर्कर्स यूनियन ने हड़ताल कर दी है, जिसके चलते एयरपोर्ट पर चक्का जाम हो गया है. वहां से ना कोई विमान उड़ान भर पा रहा है और ना ही वहां लैंड कर पा रहा है. केन्या का सबसे प्रमुख इंटरनेशनल एयरपोर्ट होने के चलते JKIA पर इस 'चक्का जाम' से अव्यवस्था फैल गई है. कई फ्लाइट रिशेड्यूल की गई हैं, जबकि कई फ्लाइट को रद्द करना पड़ा है.
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पिछले महीने से चल रही थी यूनियन से बातचीत
केन्या एविएशन वर्कर्स यूनियन (KAWU) ने पहले यह हड़ताल पिछले महीने करने की घोषणा की थी, लेकिन उन्हें मनाने के लिए चल रही बातचीत के कारण हड़ताल टाल दी गई थी. KAWU अडानी ग्रुप की तरफ से पेश की गई डील का विरोध कर रही है और केन्याई सरकार पर इस डील को ना कहने का दबाव बना रही है. केन्या के सभी एयरपोर्ट पर काम करने वाले कर्मचारियों और वहां की राष्ट्रीय एयरलाइंस केन्या एयरवेज के कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करने वाली KAWU बेहद शक्तिशाली यूनियन है, जिसके सहयोग बिना केन्या का कोई भी एयरपोर्ट संचालित नहीं हो सकता है.
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क्या है अडानी ग्रुप की तरफ से दी गई डील
भारत में कई एयरपोर्ट को लीज पर लेकर संचालित कर रहे अडानी ग्रुप ने केन्या सरकार को भी ऐसी ही डील दी थी. अडानी ग्रुप ने केन्या के मेन एयरपोर्ट JKIA को 30 साल की लीज का प्रस्ताव केन्या सरकार के सामने रखा था. इसके बदले में अडानी ग्रुप केन्या में 1.85 अरब डॉलर का निवेश करेगा, जिससे वहां बड़े पैमाने पर रोजगार पैदा होने की संभावना है.
केन्या हाई कोर्ट ने लगाई है डील पर अंतरिम रोक
केन्या के हाई कोर्ट ने मंगलवार को अडानी ग्रुप के प्रस्ताव पर अंतरिम रोक लगा दी थी. कोर्ट ने यह रोक इस लीज प्रपोजल को चुनौती देने वाली याचिका की न्यायिक समीक्षा करने के लिए लगाई थी. इसके बाद KAWU ने एक ट्वीट में कहा था कि यदि उनकी बात नहीं मानी गई तो वे इस मुद्दे पर KQ और KAA के खिलाफ इंडस्ट्रियल एक्शन के लिए भी कानूनी लड़ाई लड़ेंगे. यूनियन ने ट्वीट में लिखा,'यह हमारी संप्रभुता का मजाक है. केन्या एयरपोर्ट्स अथॉरिटी एक संशोधित लैटर के जरिये अपनी ड्यूटी पूरी करे. अडानी खाली हाथ आ रहे हैं और हम इसे अस्वीकार करते हैं. इसके बाद KAWU ने 4 पॉइंट्स में अपनी मांग बताई है.
- अडानी एयरपोर्ट होल्डिंग लिमिटेड की डील को और उनके गैरकानूनी प्रस्ताव को पूरी तरह से रद्द कर दिया जाए.
- केन्या एयरपोर्ट्स अथॉरिटी (KAA) का पूरा बोर्ड ऑफ डायरेक्टर यहां दिए गए नोटिस पीरियड के अंदर इस्तीफा दे.
- छह अगस्त के डिमांड लेटर में KAA के जिन तीन मैनेजर के नाम हैं, यदि वे यहां दिए गए नोटिस पीरियड के अंदर इस्तीफा देते हैं. ये सभी लोग सीधे या अपरोक्ष रूप से गैरकानूनी अडानी डील में और कानून की अनदेखी वाले अन्य कामों में शामिल रहे हैं.
- सात अगस्त के लैटर में शामिल दोनों KQ मैनेजर यहां दिए गए नोटिस पीरियड की अवधि के भीतर अपना इस्तीफा देते हैं.
हिंडनबर्ग रिपोर्ट से जूझ रहे अडानी ग्रुप को बड़ा झटका
अडानी ग्रुप इस समय हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट के कारण मिले झटकों से उभर रहा है. इस रिसर्च रिपोर्ट में गौतम अडानी के मालिकाना हक वाले समूह पर धोखाधड़ी भरे लेनदेन करने और शेयर मूल्यों में हेरफेर करने जैसे आरोप लगाए थे. इसके बाद घरेलू शेयर बाजार में अडानी ग्रुप के शेयर लगातार नीचे गए हैं. हालांकि अडानी ग्रुप ने इन सारे आरोपों को गलत बताया है और दावा किया है कि कंपनी सभी कानूनों व अन्य नियमों का पालन करती है.
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