Afghanistan Blast: आत्मघाती बम धमाकों से दहला काबुल, 53 की मौत, मृतकों में 46 लड़कियां

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Oct 03, 2022, 07:36 PM IST

काबुल में बम धमाका

संयुक्त राष्ट्र मिशन ने बताया कि काबुल के हजारा इलाके में हुए बम धमाके में मरने वालों की संख्या बढ़कर 53 हो गई है. मृतकों में 46 लड़कियां हैं.

डीएनए हिंदी: अफगानिस्तान (Afghanistan) की राजधानी काबुल इन दिनों एक के बाद एक बम धमाकों से दहल उठी है. पश्चिमी काबुल में शाहिद माजरी रोड पर पुल-ए-सुख्ता इलाके में सोमवार को एक बार फिर ब्लास्ट हुआ है. हालांकि, इसमें अभी तक किसी के हताहत होने की खबर नहीं है. धमाका दोपहर करीब 2 बजे हुआ. इससे पहले 30 सितंबर को हुए बम धमाके 53 लोगों की मौत हो गई थी. संयुक्त राष्ट्र (UN) की रिपोर्ट के मुताबिक, इस धमाके में मारे गए 53 लोगों में से 46 लड़कियां थीं. 

अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र मिशन ने बताया कि अफगानिस्तान की राजधानी काबुल के हजारा इलाके में शुक्रवार को हुए बम विस्फोट से मरने वालों की संख्या बढ़कर 53 हो गई है. इस विस्फोट में 110 लोग घायल हुए थे.

मृतकों में सबसे ज्यादा महिलाएं
तालिबान के प्रवक्ता खालिद जदरान ने बताया कि हजारा इलाके में एक केंद्र में शुक्रवार को सुबह विस्फोट हुआ. जदरान ने बताया कि मृतक लोगों में कई छात्र-छात्राएं भी शामिल हैं. इस्लामिक स्टेट समूह ने दशती बारची और अन्य शिया बहुल इलाकों में स्कूल, अस्पतालों और मस्जिदों को हाल में कई बार निशाना बनाया है. इस केंद्र का नाम ‘काज हायर एजुकेशनल सेंटर’ है, जहां छात्रों को कॉलेज प्रवेश परीक्षा की तैयारी कराई जाती है. 

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हमले में बचे 19 वर्षीय शफी अकबरी ने बताया कि केंद्र में सुबह साढ़े 6 बजे के करीब 300 छात्र पहुंचे थे और करीब एक घंटे बाद अचानक विस्फोट हो गया. काबुल पुलिस के जदरान ने बताया कि इस क्षेत्र के एजुकेशन सेंटर को बड़े कार्यक्रमों का आयोजन करते समय तालिबान से अतिरिक्त सुरक्षा की मांग करनी चाहिए. वहीं, गृह मंत्रालय के प्रवक्ता अब्दुल नफी टकोर ने बाद में बताया कि पुलिस ने एक संदिग्ध को गिरफ्तार किया है जिसके हमले से संबंध होने की आशंका है.

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परीक्षा देने गई थीं 18-25 साल की लड़कियां
काबुल स्थित ‘इमरजेंसी एनजीओ’ अस्पताल ने ट्वीट किया कि उसके पास इलाज के लिए मरीजों में ज्यादातर 18 साल से 25 साल की महिलाएं थीं जो परीक्षा दे रही थीं. विस्फोट की किसी ने तत्काल जिम्मेदारी नहीं ली है. तालिबान के अगस्त 2021 में देश की बागडोर अपने हाथ में लेने के बाद से उसके बड़े प्रतिद्वंद्वी इस्लामिक स्टेट ग्रुप ने दशती बारची इलाके में कई बार हजारा समुदाय को निशाना बनाया है. अफगानिस्तान में तैनात अमेरिका की उप-राजदूत कैरेन डेकर और यूनिसेफ ने हमले की निंदा की है.

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