डीएनए हिंदी: अमेरिका के एक राज्य कानेक्टीकट ने 29 अप्रैल की तारीख को 'सिख आजादी दिवस' (दूसरे शब्दों में खालिस्तान घोषणा दिवस) के रूप में मान्यता दी है. इस फैसले पर भारतीय समुदाय ने कड़ा विरोध दर्ज (Sikh Protest in US) कराया है. अमेरिका में बसे भारतीयों ने कहा है कि कानेक्टीकट राज्य भारत के मामलों में हस्तक्षेप कर रहा है और उसे इस मामले की बुनियादी जानकारी नहीं है.
खालिस्तानी समर्थक संगठन 'वर्ल्ड सिख पार्लियामेंट' को बधाई देते हुए कानेक्टीकट राज्य की असेंबली ने कथित सिख आजादी की 36वीं वर्षगांठ को मान्यता दी. इस पर ग्लोबल ऑर्गनाइजेशन ऑफ पीपल्स ऑफ इंडियन ओरिजन (जीओपीआईओ) के चेयरमैन थॉमस अब्राहम ने कहा कि यह शुरुआत उन चंद शरारती लोगों ने की है, जिन्हें कानेक्टीकट राज्य के हित में कोई रुचि नहीं है. ये लोग अपना हित साध रहे हैं.
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अमेरिका में बसे भारतीय समुदाय के लोगों ने इस कदम पर सख्त ऐतराज जताया और विरोध प्रदर्शन भी किए. खालसा टुडे के मुख्य संपादक सुक्खी चहल ने कहा कि कानेक्टीकट राज्य अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर भारत के मामलों में हस्तक्षेप कर रहा है. वह जिस चीज के बारे में बात कर रहा है, उसकी सच्चाई उसे बिल्कुल नहीं पता है. हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं.
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