डीएनए हिंदी : श्रीलंका(Sri Lanka) इस वक़्त गंभीर आर्थिक समस्याओं से जूझ रहा है. देश में सबसे बड़ी समस्या लगातार कम होते विदेशी निवेश को लेकर है. इस वजह से देश की मुद्रा की कीमत लगातार घटती जा रही है. हालांकि देश ने इंटरनेशनल मॉनेटरी फण्ड से मदद की गुहार लुगाई है पर इस दरमियान इस द्वीपीय देश में सभी ज़रूरी चीज़ों की क़ीमत में भयंकर उछाल आया है. इन चीज़ों में खाद्य पदार्थ, दवाई और ईंधन शामिल है.
मुद्रास्फीति की दर 17.5% है
एशियाई देशों में श्रीलंका में मुद्रास्फीति(Inflation in Sri Lanka) दर इस वक़्त सबसे अधिक है. यह फिलहाल 17.5% है. इसका प्रभाव सभी ज़रूरी चीज़ों की क़ीमत पर दिख रहा है. गौरतलब है कि देश में पेट्रोल संकट के बाद पैदा हुए तनाव और अशांति से निबटने के लिए सरकार ने सेना को बुलाया है. सैनिकों की ड्यूटी पम्पिंग स्टेशन पर लगाई गई है.
चीज़ों की कमी होने से भड़क सकती है हिंसा, हर पेट्रोल पंप पर रहेंगे कम से कम दो सैनिक
श्रीलंका सरकार(Sri Lanka Government) को डर है कि भिन्न ज़रूरी सामग्रियों की कमी देश में भयंकर हिंसा के छिड़ने की वजह बन सकती है. देश की सेना के प्रवक्ता निलांथा प्रेमरत्ने के अनुसार हर पम्पिंग स्टेशन पर कम से कम दो सैनिक रहेंगे जो वितरण में मदद करेंगे पर वे भीड़ का नियंत्रण नहीं करेंगे. पुलिस का कहना है कि सोमवार को एक पम्पिंग स्टेशन पर लोगों की आपसी बहस में एक की चाकू मारकर हत्या कर दी गई थी जबकि पिछले हफ़्ते तीन बुज़ुर्गों की मौत पंक्ति में खड़े-खड़े हो गई थी.
डॉलर की कमी की वजह से आयात नहीं कर पा रहा है श्रीलंका
श्रीलंका में विदेशी निवेश लगभग 70% गिर गया है. इस वक़्त यह केवल 2.31 बिलियन डॉलर बचा है. डॉलर की इस कमी से देश आयात नहीं कर पा रहा है. इन हालात में यूक्रेन रूस युद्ध(Ukraine Russia War) ने भी देश की अर्थव्यवस्था बिगाड़ने में अहम् भूमिका निभाई है. युद्ध शुरू होने के बाद से देश में पेट्रोलियम गैस(Natural Gas) की कीमत पचास प्रतिशत तक बढ़ गई है. गौरतलब है कि पिछले कई दशक से श्रीलंका गृहयुद्ध से जूझ रहा है.