Sri Lanka Fuel Crisis: पेट्रोल और CNG पंपों पर उमड़ी भीड़, दंगा-फसाद से बचने के लिए सेना की लगाई ड्यूटी

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Mar 23, 2022, 12:47 PM IST

श्रीलंका में पेट्रोलियम उत्पादों के संकट की वजह से फैली अशांति को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने सेना को बुलाया.

डीएनए हिंदी : श्रीलंका(Sri Lanka) अपने सबसे आर्थिक हालात से गुज़र रहा है. बढ़ती हुई महंगाई के साथ आयात पर लगे लगाम की वजह से देश में पेट्रोल, डीज़ल और अन्य पेट्रोलियम उत्पाद की क़ीमत में भी बेतहाशा बढ़त हुई है. साथ ही स्टॉक में भी काफ़ी कमी आ गई है. इस कारण पेट्रोल पम्पों पर लोगों की लम्बी-लम्बी लाइनें लगी हुई हैं.  लोगों का गुस्सा लगातार बढ़ रहा है. केरोसिन तेल ख़रीदने में असमर्थ गुस्साए लोगों ने कोलंबो में लोगों ने बीते दिन एक मुख्य रास्ता घंटों जाम कर दिया था. इसके बाद ही सरकार ने सेना की ड्यूटी लगाने का फ़ैसला लिया. 

लोग तरह-तरह से दिखा रहे हैं अपना प्रतिरोध
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक फुटेज में केरोसिन न ख़रीद पाने से नाराज़ कुछ महिलाएं एक टूरिस्ट वाहन का रास्ता रोकती नज़र आ रही हैं. गौरतलब है कि केरोसिन देश में मुख्य ईंधन है. इस पर जवाब देते हुए सरकार के प्रवक्ता रमेश पथिराना कहते हैं, " हमने पर्यटकों को फंसा हुआ देखा. हम यह भी सुन रहे हैं कि कुछ लोग तेल जमाख़ोरी कर रहे हैं. इसी खातिर हमने सेना की सेवा लेने का फ़ैसला लिया है." 
माना जा रहा है कि सेना भेजने का फैसला लेने का एक कारण पेट्रोल की लाइन में एक मोटरसाइकिल सवार की दूसरे ड्राइवर द्वारा हत्या किया जाना भी है. 

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लम्बी होती क़तारों के साथ बढ़ता जा रहा है गुस्सा 
नाम न छापने की शर्त पर एक डिफेन्स अधिकारी ने बताया कि "ज्यों-ज्यों क़तार लम्बी हो रही है, ग़ुस्सा बढ़ता जा रहा है. कल रात ही फ़ैसला लिया गया कि पुलिस की मदद के लिए

सेना आएगी. यह इसलिए किया जा रहा है कि देश में बढ़ रहे तनाव और अशांति के माहौल में कमी आए."
सैनिक अधिकारियों का कहना है कि सेना फ़िलवक़्त सरकार द्वारा संचालित सीलोन पेट्रोलियम कॉर्प के पम्पिंग स्टेशन पर भेजी जा रही है. जानकारी के मुताबिक़ देश के लगभग दो-तिहाई पेट्रोल व्यवसाय में इस कंपनी की भागीदारी है. ध्यातव्य है कि श्रीलंका(Sri Lanka) के राष्ट्रपति गोटाबया राजपक्षे(Gotabaya Rajpaksha) ने बुधवार को सभी पार्टियों की एक बैठक बुलाई है. हालांकि विपक्ष ने इसका विरोध करने की बात की है. 

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