Anti LGBTQ Law Uganda: युगांडा में समलैंगिक संबंधों पर होगी मौत की सजा, राष्ट्रपति ने लगाई कानून पर मुहर

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: May 30, 2023, 01:56 PM IST

Anti-LGBTQ Law Uganda

Anti LGBTQ Law: युगांडा में समलैंगिंक संबंधों को लेकर बेहद ही कड़ा फैसला लिया गया है जिसके तहत लोगों को मौत की सुनाई जा सकती है.

डीएनए हिंदी: भारत में समलैंगिक शादी को लेकर चल रही बहस के बीच युगांडा में एक बड़ा फैसला हुआ है. युगांडा में समलैंग‍िक संबंधों पर पूरी तरह से बैन लगा दिया गया है. मुल्क के राष्ट्रपति योवेरी मुसेवेनी ने Anti LGBTQ Law को मंजूरी दे दी है. इस कानून को तोड़ने वाले को मृत्युदंड तक की सजा का प्रावधान लागू कर दिया गया है. इस कानून के ड्राफ्ट को संसद में पेश किया गया था और अब राष्ट्रपति ने इस ड्राफ्ट पर मुहर लगाते हुए इसे कानून घोषित कर दिया है. 

युगांडा के राष्ट्रपति योवेरी मुसेवनी द्वारा जिस कानून के ड्राफ्ट पर मुहर लगाई गई है, दुनिया का अब तक का सबसे सख्त कानून माना जा रहा है. बता दें कि युगांडा में सेम सेक्स रिलेशन्स पर पहले भी बैन था, लेकिन इतनी सख्त सजा का प्रावधान नहीं था.

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कानून के पालन की ली शपथ

गौरतलब है कि सांसदों ने कानून पारित करते हुए समलैंगिक संबंधों को समाज के मूल्यों के खिलाफ बताया था. इतना ही नहीं, कानून का ठीक से पालन करवाने की शपथ भी ली गई है. कानून पास होते ही दुनियाभर में इसकी आलोचनाएं शुरू हो चुकी हैं.

इस मौके पर अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने भी बयान दिया है. उन्होंने अपने इस बयान में युगांडा के कई अधिकारियों और अफसरों पर पाबंदियां लगाने के साथ ही वहां अमेरिकी निवेश को कम करने की चेतावनी दी है. जो बाइडन ने इस कानून को मानवाधिकार का उल्लंघन बताया है. 

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20 साल की हो सकती है जेल

युगांडा में बनाए गए नए कानून के मुताबिक 18 साल से कम उम्र के किसी व्यक्ति या HIV संक्रमित के साथ समलैंगिक यौन संबंध बनाने पर मौत की सजा हो सकती है. वहीं होमोसेक्शुअलिटी को प्रोमोट करने पर 20 साल जेल की सजा दी जाने का प्रावधान किया गया है. 

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'गे' या 'लेस्बियन' होने पर सजा नहीं

एक राहत की बात यह है कि इस कानून में किसी को सिर्फ गे, लेस्बियन या होमोसेक्शुइल होने पर कोई सजा नहीं होगी. सजा तभी होगी जब वो समलैंगिक संबंधों में शामिल होगा. राष्ट्रपति  मुसेवेनी ने सांसदों से 'गंभीर समलैंगिकता' को मृत्युदंड देने वाले प्रावधान से हटाने की सलाह दी थी जिसे सांसदों ने खारिज कर दिया था.

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