श्रीलंकाई खिलाड़ियों से Arjuna Ranatunga की अपील, 'IPL की नौकरी छोड़कर देश के लिए लौटें'

स्मिता मुग्धा | Updated:Apr 12, 2022, 07:28 PM IST

आर्थिक संकट की वजह से श्रीलंका में लगातार प्रदर्शन हो रहे हैं. पूर्व क्रिकेटर अर्जुन रणतुंगा ने श्रीलंकाई क्रिकेटरों से आईपीएल छोड़ने की अपील की है.

डीएनए हिंदी: भारत में चल रहे आईपीएल आयोजन में श्रीलंका के कई खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं. इधर श्रीलंका में हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं. अब श्रीलंका की वर्ल्ड कप विजेता टीम के कप्तान अर्जुन रणतुंगा ने अपने देश के खिलाड़ियों से आईपीएल छोड़कर देश लौटने की अपील की है. रणतुंगा ने कहा कि देश के हालात देखते हुए खिलाड़ियों को इस वक्त अपने देश का साथ देना चाहिए. 

रणतुंगा ने कहा, 'देश के लिए बोलें खिलाड़ी'
अर्जुन रणतुंगा (Arjuna Ranatunga) ने आईपीएल (IPL) में खेल रहे श्रीलंकाई खिलाड़ियों से अपने देश के समर्थन में खड़े होने का आग्रह किया है. रणतुंगा ने कहा कि कई क्रिकेटर्स आईपीएल में शानदार खेल दिखा रहे हैं. अपने देश के बारे में बात नहीं कर रहे हैं. लोग सरकार के खिलाफ बोलने से डर रहे हैं. ये क्रिकेटर्स भी अपनी नौकरी बचाने की कोशिश कर रहे हैं. अब उन्हें कदम उठाना होगा क्योंकि कुछ युवा क्रिकेटर्स भी आगे आए हैं और उन्होंने विरोध के समर्थन में बयान दिए हैं. 

पढ़ें: Sri Lanka Economic Crisis: सोने की लंका में कंगाली का कहर, गहने बेच लोग पूरी कर रहे जरूरतें

'नौकरी छोड़कर प्रदर्शनों में शामिल हों'
बता दें कि अर्जुन रणतुंगा खुद भी प्रदर्शनों में शामिल हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि अगर कुछ कहीं गलत हो रहा है तो हमें उसके बारे में बात करनी चाहिए. लोग मुझसे पूछते हैं कि मैं विरोध प्रदर्शन में क्यों हूं. मैं पिछले 19 साल से राजनीति में हूं और यह कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं है. रणतुंगा ने आगे बोलते हुए कहा कि आप सभी जानते हैं कि आईपीएल में खेलने वाले क्रिकेटर्स कौन हैं. मैं उनका नाम नहीं लेना चाहता हूं लेकिन मैं चाहता हूं कि वे एक सप्ताह के लिए अपनी नौकरी छोड़ दें और विरोध-प्रदर्शन के समर्थन में आएं. 

पढ़ें: Sri Lanka Crisis: केंद्रीय बैंक ने लिया बड़ा फैसला, ब्याज दर को किया दोगुना

गूगल पर हमारे पेज को फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें. हमसे जुड़ने के लिए हमारे फेसबुक पेज पर आएं और डीएनए हिंदी को ट्विटर पर फॉलो करें.

आईपीएल अर्जुन रणतुंगा श्रीलंका आपातकाल श्रीलंका आर्थिक संकट श्रीलंका इकोनॉमी