डीएनए हिंदी: अमेरिका की स्पेस एजेंसी नासा (NASA) अपने सबसे शक्तिशाली स्पेस रॉकेट को लॉन्च करेगी. नासा लगभग आधी सदी बाद इंसानों को चांद पर भेजने की तैयारी कर रहा है. मिशन की पहली टेस्ट फ्लाइट आर्टेमिस-1 (Artemis-1) को आज शाम 6.03 बजे लॉन्च किया जाएगा. यह स्पेसक्राफ्ट फ्लोरिडा लॉन्च पैड से उड़ान भरेगा.
आर्टेमिस-1 मिशन के अतंर्गत ओरियन स्पेसक्राफ्ट श्(Orion Spacecraft) को भेजा जाएगा, जिसमें 6 लोग डीप-स्पेस एक्सप्लोरेशन कैप्सूल में बैठे होंगे. इसमें 322 फीट लंबा और 2,600 टन वजन का स्पेस लॉन्च सिस्टम (SLS) मेगा रॉकेट होगा. ये अतंरिक्ष प्रक्षेपण प्रणाली रॉकेट, NASA द्वारा बनाया गया अब तक का सबसे शक्तिशाली रॉकेट है.
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नासा की 6 सप्ताह की टेस्टिंग
बता दें कि 6 सप्ताह की यह परीक्षण उड़ान अच्छी रही तो अंतरिक्ष यात्री कुछ वर्षों में चांद पर लौट सकते हैं. हालांकि, नासा के अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि जोखिम अधिक है और उड़ान की अवधि को कम किया जा सकता है. नासा के अधिकारियों ने रविवार को कहा कि शनिवार को आई आंधी के दौरान नासा केनेडी अंतरिक्ष केंद्र पर स्थित रॉकेट और कैप्सूल को कोई नुकसान नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि अन्य उपकरणों को भी किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचा है.
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50 साल के बाद नासा का Artemis-1 मिशन
गौरतलब है कि नासा का Artemis-1 मिशन करीब 50 साल के बाद मनुष्यों को चंद्रमा की यात्रा कराकर वापस लाने के एक महत्वपूर्ण कदम की ओर अग्रसर है. इस मिशन को आज यानी 29 अगस्त 2022 को रवाना किया जाना है और नासा की अतंरिक्ष प्रक्षेपण प्रणाली और ऑरियन क्रू कैप्सूल के लिए यह महत्वपूर्ण यात्रा होने वाली है. यह स्पेसक्राफ्ट चंद्रमा तक जाएगा, कुछ छोटे उपग्रहों को कक्षा में छोड़ेगा और स्वयं कक्षा में स्थापित हो जाएगा. NASA का उद्देश्य अंतरिक्ष यान के परिचालन का प्रशिक्षण प्राप्त करना और चंद्रमा के आसपास अंतरिक्ष यात्रियों द्वारा अनुभव किए जाने वाले हालात की जांच करना है.
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