Aspartame: इस आर्टिफिशियल स्वीटनर्स से हो सकता है कैंसर! WHO कर सकता है बड़ा ऐलान

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Jun 29, 2023, 10:52 PM IST

सांकेतिक तस्वीर.

एस्पार्टेम का इस्तेमाल करीब 90 प्रतिशत रेडी-टू-ड्रिंक टी और 95 प्रतिशत कार्बोनेटेड कोल्ड ड्रिंक में चीनी के साथ किया जाता है. अब WHO ने इसी बीच चौंकाने वाला दावा किया है.

डीएनए हिंदी: कृत्रिम तरीके से पैदा की जाने वाली दुनिया की सबसे लोकप्रिय स्वीटनर एस्पार्टेम पर एक चौंकाने वाली स्टडी सामने आई है. वॉशिंगटन पोस्ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक एस्पार्टेम, शरीर में कैंसर की आशंका बढ़ा सकती है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने एस्पार्टेम के इस्तेमाल को लेकर चेतावनी जारी की थी. अब नई स्टडी सामने आने के बाद कोल्ड ड्रिंक उत्पादों के इस्तेमाल को लेकर नई बहस छिड़ गई है.

रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक एस्पार्टेम को अगले महीने WHO का कैंसर रिसर्च डिपार्टमेंट कैंसर पैदा करने वाले पदार्थ के तौर पर वर्गीकृत कर सकता है. 

वाशिंगटन पोस्ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने 1981 में एस्पार्टेम को मंजूर किया था. बाद में कई बार रिव्यू हुआ. भारत उन 90 से ज्यादा देशों में शामिल है जिन्होंने इसके उपयोग को मंजूरी दी है.

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बेहद मीठा होता है एस्पार्टेम

एस्पार्टेम आम चीनी की तुलना में लगभग 200 गुना ज्यादा मीठा होता है. इसमें कोई कैलोरी नहीं होती है. जिस फूड प्रोडक्ट में इसका उपयोग किया जाता है, उसके मुताबिक भारत के खाद्य सुरक्षा और विनियमन संगठन FSSAI ने 2009 इस स्वीटनर की अधिकतम स्वीकार्य मात्रा के बारे में एक गाइडलाइन दी थी.

कितना इस्तेमाल होता है एस्पार्टेम?

एस्पार्टेम का उपयोग लगभग 90% रेडी-टू-ड्रिंक टी और लगभग 95% कार्बोनेटेड कोल्ड ड्रिंक में अतिरिक्त चीनी के साथ किया जाता है. ड्रिंक इंडस्ट्री में इसका चलन बेहद आम है. FSSAI ने पहले भी कहा है कि एस्पार्टेम युक्त वस्तुओं पर स्वीटनर का नाम प्रमुखता से दिखाया जाना चाहिए.

ज्यादातर वैज्ञानिकों ने दी है एस्पार्टेम को मंजूरी

ज्यादातर वैज्ञानिक और फूड अथॉरटी इस बात से सहमत हैं कि एस्पार्टेम सुरक्षित होता है. बेवरेज एसोसिएशन के चीफ एग्जीक्युटिव केविन कीन ने वाशिंगटन पोस्ट को बताया, 'दुनिया भर की खाद्य सुरक्षा एजेंसियां इस निष्कर्ष पर बार-बार पहुंची हैं कि इनका इस्तेमाल हो सकता है.'

क्यों नई स्टडी के बाद बढ़ा है खतरा?

बीते साल फ्रांस में की गई एक स्टडी के मुताबिक जो लोग ज्यादा अर्टिफीशियल स्वीटनर, खास तौर पर एस्पार्टेम और एसेसल्फेम-के का इस्तेमाल करते थे, उनमें कैंसर पैदा होने की आशंका ज्यादा थी. यह स्टडी 1,00,000 लोगों की मेडिकल हिस्ट्री पर आधारित थी.

बड़ा कदम उठा सकता है WHO

रॉयटर्स के मुताबिक जुलाई में WHO की इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर (IARC) की बैठक में एस्पार्टेम को कथित तौर पर 'मानवों के लिए संभवतः कैंसरकारी' पदार्थ के तौर पर नामित किया जा सकता है. 

WHO ने कहा क्या था?

WHO के नए दिशानिर्देश मई में प्रकाशित किए गए थे और एनएसएस, या कृत्रिम मिठास का इस्तेमाल न करने की सलाह दी गई थी. संयुक्त राष्ट्र स्वास्थ्य एजेंसी के अनुसार, मौजूदा सबूतों के एक व्यवस्थित मूल्यांकन से पता चलता है कि एनएसएस का उपयोग वयस्कों या बच्चों में शरीर की वसा को कम करने में कोई दीर्घकालिक लाभ नहीं देता है.

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इसके अतिरिक्त, समीक्षा के निष्कर्षों से पता चलता है कि 'एनएसएस के लंबे इस्तेमाल से आशंकित अवांछनीय प्रभाव हो सकते हैं, जैसे कि टाइप 2 मधुमेह, हृदय रोग और वयस्कों में मृत्यु दर का खतरा बढ़ सकता है.'

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