डीएनए हिंदी: Australia News- कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के अपनी संसद में भारत सरकार पर हत्या कराने जैसा जघन्य आरोप लगाने के बाद पूरी दुनिया में हंगामा मचा हुआ है. कनाडा के पीएम ने यह आरोप खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर लगाया है. इस आरोप के बाद उन देशों को ज्यादा असहजता का सामना करना पड़ रहा है, जो भारत और कनाडा, दोनों से करीबी संबंध रखते हैं. ऐसी ही असहजता ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज के व्यवहार में भी दिखाई दी, जब एक पत्रकार ने कनाडा विवाद को लेकर उनसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जुड़ा एक सवाल पूछ लिया. ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री ने न केवल उस पत्रकार को झिड़क दिया बल्कि उसे चुप भी रहने के लिए कहा.
पत्रकार ने पूछा- क्या पीएम मोदी को बॉस कहने पर अफसोस है
दरअसल ऑस्ट्रेलियाई पीएम अल्बानीज मंगलवार शाम को मेलबर्न में मीडिया के सवालों का जवाब दे रहे थे. इसी दौरान एक पत्रकार ने उनसे पूछा कि कनाडा ने भारत सरकार पर हत्या में शामिल होने के आरोप लगाए हैं. क्या जी20 सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी से मुलाकात में उन्होंने भी यह बात व्यक्तिगत तौर पर पूछी थी. क्या उन्हें अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 'द बॉस' करने पर अफसोस हो रहा है? इस सवाल से अल्बानीज थोड़ा असहज दिखाई दिए. उन्होंने तकरीबन भड़कने वाले अंदाज में पत्रकार से कहा कि आप थोड़ा चुप रहिए. क्या सच में आप ऐसा पूछ रहे हैं. आपको थोड़ा चिल करने की जरूरत है.
इसके बाद दिया पत्रकार के सवाल का जवाब
हालांकि इसके बाद ऑस्ट्रेलियाई पीएम ने पत्रकार के सवाल का जवाब दिया. उन्होंने बताया कि मोदी को बॉस कहकर क्यों पुकारा था. उन्होंने कहा, ऑस्ट्रेलिया के जिस स्टेडियम में पीएम मोदी मौजूद थे, वहां मैं एक बार मशहूर सिंगर ब्रूस स्प्रिंगटीन के साथ मौजूद था. भारतीय प्रवासियों ने बेहद उत्साह में पीएम मोदी का स्वागत किया था. यह उत्साह देखकर मैंने बिल्कुल सही बात कही थी. बस इतना ही मामला है. मैंने पीएम मोदी का ऑस्ट्रेलिया में वैसे ही स्वागत किया था, जैसा यहां आने वाले बाकी मेहमानों का करता हूं.
भारत पर कनाडा के आरोपों को लेकर नहीं बोले अल्बानीज
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारत पर कनाडा के आरोपों को लेकर जवाब देने से ऑस्ट्रेलियाई पीएम बचते दिखाई दिए. उन्होंने कहा, मैं फाइव आईज इंटेलिजेंस की बात प्रेस कॉन्फ्रेंस में नहीं करता. हम इसे लेकर अटकले नहीं लगा सकते.
कनाडा मुद्दे पर ऑफिशियल बयान जारी कर चुका है ऑस्ट्रेलिया
भले ही ऑस्ट्रेलियाई पीएम ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कनाडा-भारत विवाद पर कुछ नहीं कहा, लेकिन उनकी सरकार इसे लेकर मंगलवार को ही आधिकारिक बयान जारी कर चुकी है. ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा था कि वह भारत सरकार पर कनाडा के आरोपों को लेकर चिंतित है. मामले की जांच जारी है. हमारा मानना है कि सभी देशों को एक-दूसरे की संप्रभुता का सम्मना करना चाहिए. हम इसे लेकर अपने सहयोगियों के संपर्क में हैं और भारत के शीर्ष अधिकारियों से भी बात कर चुके हैं.
कनाडा-ब्रिटेन की तरह ऑस्ट्रेलिया में भी हैं बहुत सारे सिख
कनाडा और ब्रिटेन की ही तरह ऑस्ट्रेलिया में भी सिख समुदाय के लोगों की संख्या बहुत ज्यादा है. वहां भी सिख समुदाय के लोगों ने कई अहम पदों और बिजनेस में अपना स्थान बनाया है. इस कारण ऑस्ट्रेलियाई सरकार भी खालिस्तान आतंकवाद पर सीधी टिप्पणी करने से कतराती है. भारतीय दूतावासों पर खालिस्तानी अलगाववादियों के हमले ऑस्ट्रेलिया में भी देखने को मिले थे. कनाडा विवाद को लेकर आधिकारिक बयान में भी ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्रालय ने हिंसा के बिना किए जाने वाले विरोध-प्रदर्शन को अभिव्यक्ति की आजादी से जुड़ा हुआ बताकर इसका समर्थन किया है.
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