बांग्लादेश में शेख हसीना की वापसी तय, अजेय कैसे हो गई आवामी लीग?

Written By अभिषेक शुक्ल | Updated: Jan 07, 2024, 11:32 PM IST

Sheikh Hasina.

बांग्लादेश में आवामी लीग प्रचंड बहुमत की ओर बढ़ रही है. शेख हसीना का पांचवी बार पीएम बनना तय माना जा रहा है.

डीएनए हिंदी: बांग्लादेश में रविवार को मतदान खत्म होने के बाद वोटों की गिनती में आवामी लीग को बढ़त मिल रही है. चुनाव के दौरान हिंसा की छिटपुट घटनाएं भी सामने आई हैं. बांग्लादेश की मुख्य विपक्षी दल बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी और उसके सहयोगी दलों ने चुनाव का बहिष्कार किया है. मुख्य निर्वाचन आयुक्त काजी हबीबुल अवल ने बताया कि शुरुआती अनुमान के मुताबिक मतदान लगभग 40 प्रतिशत था, लेकिन अभी यह आंकड़ा बदल सकता है. निर्वाचन आयोग ने बताया कि 12वें संसदीय चुनाव में अपराह्न तीन बजे तक 27.15 फीसदी मतदान दर्ज किया गया. साल 2018 के आम चुनाव में कुल मिलाकर 80 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ था. 

निर्वाचन आयोग के एक प्रवक्ता ने कहा, 'मतदान शाम चार बजे समाप्त हो गया और मतगणना शुरू हो गई है. अनियमितताओं को लेकर सात मतदान केंद्रों पर मतदान स्थगित कर दिया गया है. प्रवक्ता ने कहा कि हिंसा की कुछ छिटपुट घटनाओं के अलावा, 300 में से 299 निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान काफी हद तक शांतिपूर्ण रहा. एक उम्मीदवार के निधन के कारण एक सीट पर मतदान बाद में कराया जाएगा.'

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रेस में आगे है आवामी लीग
अखबार ढाका ट्रिब्यून की खबर के अनुसार शुरुआती नतीजों से पता चलता है कि अवामी लीग चुनावी दौड़ में आगे है. खबर के अनुसार, अवामी लीग ने अब तक अनौपचारिक रूप से 10 निर्वाचन क्षेत्रों में जीत हासिल की है. नरसिंगडी में एक और नारायणगंज में दो मतदान केंद्रों पर मतदान रद्द कर दिया गया. निर्वाचन आयोग ने नरसिंगडी में चुनावी धांधली के आरोपों पर उद्योग मंत्री नुरुल माजिद महमूद हुमायूं के बेटे को गिरफ्तार करने का आदेश दिया है.

बांग्लादेश में जमकर हुई हिंसा
चट्टोग्राम-10 सीट से चुनाव लड़ रहे दो उम्मीदवारों के समर्थकों के बीच झड़प के दौरान गोलियां चलाई गईं. दो लोगों 24 वर्षीय शांतो बरुआ और 35 वर्षीय जमाल को गोली मार दी गई और उन्हें चट्टोग्राम मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाया गया. जमालपुर के शरीशाबाड़ी में एक मतदान केंद्र पर अवामी लीग के उम्मीदवार और एक निर्दलीय उम्मीदवार के समर्थकों के बीच झड़प के बाद दो लोग घायल हो गए. ढाका के हजारीबाग में एक मतदान केंद्र के पास दो देशी बम विस्फोट होने से एक बच्चा सहित चार लोग घायल हो गए. 

आम चुनावों में क्या है भारत का रोल
देश के निर्वाचन आयोग के अनुसार, 42,000 से अधिक मतदान केंद्रों पर मतदान हुआ. चुनाव में 27 राजनीतिक दलों के 1,500 से अधिक उम्मीदवार मैदान में हैं और उनके अलावा 436 निर्दलीय उम्मीदवार भी हैं. भारत के तीन पर्यवेक्षकों समेत 100 से अधिक विदेशी पर्यवेक्षक 12वें आम चुनाव की निगरानी करेंगे. 

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7.5 लाख सुरक्षाकर्मी हैं तैनात
मतदान के दौरान कानून व व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए कानून प्रवर्तन एजेंसियों और सुरक्षाबलों के 7.5 लाख से अधिक सदस्य तैनात किए गए हैं. निर्वाचन आयोग ने कहा कि नतीजे आठ जनवरी की सुबह से आने की उम्मीद है. प्रधानमंत्री शेख हसीना ने मतदान शुरू होने के तुरंत बाद ढाका सिटी कॉलेज मतदान केंद्र पर अपना वोट डाला. इस दौरान उनकी बेटी साइमा वाजिद भी उनके साथ थीं. 

शेख हसीना का पांचवी बार सत्ता में आना तय
शेख हसीना (76) वर्ष 2009 से सत्ता में हैं और उनकी पार्टी अवामी लीग ने दिसंबर 2018 में पिछला चुनाव भी जीता था. उनके इस एकतरफा चुनाव में लगातार चौथी बार और कुल मिलाकर पांचवीं बार सत्ता में आना तय माना जा रहा है. 

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भारत के बारे में शेख हसीना ने क्या कहा
शेख हसीना ने एक सवाल के जवाब में पत्रकारों से कहा कि भारत, बांग्लादेश का भरोसेमंद मित्र है. उन्होंने कहा, 'हम बहुत सौभाग्यशाली हैं भारत हमारा भरोसेमंद मित्र है. मुक्ति संग्राम 1971 के दौरान, 1975 के बाद उन्होंने न केवल हमारा समर्थन किया, जब हमने अपना पूरा परिवार- पिता, मां, भाई, हर कोई  खो दिया था और केवल हम दो (हसीना और उनकी छोटी बहन रिहाना) बचे थे. उन्होंने हमें शरण भी दी. इसलिए हम भारत के लोगों को शुभकामनाएं देते हैं.'

शेख हसीना के परिवार ने झेली है हिंसा की त्रासदी 
सैन्य अधिकारियों ने अगस्त 1975 में शेख मुजीबुर रहमान, उनकी पत्नी और उनके तीन बेटों की उनके घर में ही हत्या कर दी थी. उनकी बेटियां हसीना और रिहाना उस हमले में बच गयी थीं, क्योंकि वे विदेश में थीं. यह पूछने पर कि बीएनपी के बहिष्कार के कारण यह चुनाव कितना स्वीकार्य है, इस पर प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी जिम्मेदारी लोगों के प्रति है. 

उन्होंने कहा, 'मेरे लिए महत्वपूर्ण यह है कि लोग इस चुनाव को स्वीकार करते हैं या नहीं. इसलिए मैं उनकी (विदेशी मीडिया) स्वीकार्यता की परवाह नहीं करती हूं. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आतंकवादी दल क्या कहता है या क्या नहीं कहता है.'

BNP ने किया है चुनाव का बहिष्कार
बीएनपी ने 2014 के चुनाव का बहिष्कार किया था, लेकिन 2018 के चुनाव में भाग लिया था. प्रधानमंत्री हसीना की सत्तारूढ़ अवामी लीग के लगातार चौथी बार जीतने की उम्मीद है, क्योंकि पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की पार्टी बीएनपी ने चुनाव का बहिष्कार किया है. खालिदा भ्रष्टाचार के आरोपों में दोषी ठहराए जाने के बाद घर में नजरबंद हैं. 

चुनावी मैदान में हैं कौन-कौन से दल?
देश में जो 27 राजनीतिक दल चुनाव लड़ रहे हैं, उनमें विपक्षी जातीय पार्टी भी शामिल है. बाकी सत्तारूढ़ अवामी लीग की अगुवाई वाले गठबंधन के सदस्य हैं जिसे विशेषज्ञों ने चुनावी गुट का घटक सदस्य बताया है. मुख्य विपक्षी दल ने चुनाव का बहिष्कार करते हुए छह जनवरी को सुबह छह बजे से आठ जनवरी सुबह छह बजे तक 48 घंटे की देशव्यापी आम हड़ताल का आह्वान किया है. पार्टी का दावा है कि मौजूदा सरकार के रहते कोई भी चुनाव निष्पक्ष और विश्वसनीय नहीं होगा. 

क्यों अजेय हो गई है आवामी लीग
मानवाधिकार समूहों ने इस कदम की निंदा कर इसे विपक्ष को पंगु करने का प्रयास बताया. देश में 15 अन्य राजनीतिक दल भी चुनाव का बहिष्कार कर रहे हैं. द डेली स्टार अखबार ने धानमंडी निवासी मोहम्मद मुनीर हसन के हवाले से कहा, 'मतदान केंद्रों पर जाने का क्या फायदा है जब चुनाव महज एक ही पार्टी के दो समूहों के बीच है. हम सभी जानते हैं कि अंत में आवामी लीग इस दौड़ को जीत लेगी.' शनिवार को बांग्लादेश के कम से कम 14 मतदान केंद्रों पर आगजनी की गई जिनमें से एक मतदान केंद्र राजधानी ढाका के बाहरी इलाके में स्थित है. (इनपुट: भाषा)

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