Mobile Ban in British Schools: ब्रिटेन के स्कूलों में मोबाइल फोन के उपयोग पर बैन लगा दिया गया है. हालांकि अभी यह बैन पूरी तरह अनिवार्य नहीं है, लेकिन सभी स्कूलों के लिए इससे जुड़ी गाइडलाइंस जारी कर दी गई हैं. ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक (Rishi Sunak) ने सभी स्कूलों से इन गाइडलाइंस को फॉलो करने की अपील की है. सुनक ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो भी अपलोड किया है, जिसमें वे खुद भी बार-बार बजने वाले मोबाइल फोन से परेशान होते दिख रहे हैं. उधर, ऋषि सुनक के इस कदम का समर्थन इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेट कप्तान केविन पीटरसन (Kevin Pietersen) ने भी किया है. पीटरसन ने कहा है कि मैं उनके इस कदम का पूरी तरह समर्थन करता हूं, क्योंकि बच्चे उपकरणों में खोते जा रहे हैं.
बेहद क्रिएटिव है सुनक का वीडियो
ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक ने क्लास रूम में मोबाइल फोन बजने से होने वाली परेशानी को लेकर एक बेहद क्रिएटिव वीडियो शेयर किया है. इस वीडियो में दिख रहा है कि सुनक कुछ बोलना चाहते हैं, लेकिन उनका मोबाइल फोन बार-बार बजने से बात अधूरी छूट रही है. इसके चलते सुनक झल्ला जाते हैं और अपना मोबाइल एकतरफ रख देते हैं. फिर वे मोबाइल फोन से होने वाली परेशानी को लेकर बात करते हुए कहते हैं कि देखिए यह (बार-बार मोबाइल फोन बजना) कितना निराशाजनक है. उन्होंने मोबाइल फोन को स्कूलों में पढ़ाई बाधित होने का कारण बताते हुए सभी स्कूलों से इस पर बैन लगाने वाली गाइडलाइंस को फॉलो करने की अपील की है.
पीटरसन ने समर्थन में कही है ये बात
पूर्व इंग्लिश क्रिकेट कैप्टन केविन पीटरसन ने ऋषि सुनक के फैसले का समर्थन किया है. 43 साल के क्रिकेटर ने एक्स (पहले ट्विटर) पर एक ट्वीटर में ऋषि सुनक को टैग किया और लिखा कि इस मसले पर ब्रिटेन के हर स्कूल के लिए व्यापक नियम बनने चाहिए. उन्होंने लिखा, मैं इसका पूरी तरस समर्थन करता हूं. बच्चे अपने उपकरणों में खो रहे हैं. ऋषि सुनक कृपया इसे ब्रिटेन के हर स्कूल को कवर करने वाला नियम बनाएं.
यूनेस्को जता चुका है बच्चों के हाथ में मोबाइल पर खतरा
यूनेस्को (UNESCO) भी बच्चों के हाथ में मोबाइल फोन होने को लेकर चिंता जता चुका है. यूनेस्को की रिपोर्ट में कहा गया है कि हर 4 में से 1 देश ने स्कूल में छात्रों के फोन लाने पर कानूनी तरीके से या नीतिगत तरीके से रोक लगाई हुई है. स्कूली बच्चे मोबाइल पर जरूरत से ज्यादा समय बिता रहे हैं. साथ ही स्कूलों के अंदर की छोटी-मोटी घटनाएं भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं, जिसका गलत असर बच्चों पर पड़ रहा है. साथ ही इससे स्कूलों की भी इमेज बिगड़ती है. मोबाइल में खोने वाले बच्चे डिप्रेशन और अकेलेपन का भी शिकार हो रहे हैं.
कई अन्य देश कर चुके हैं स्कूल में मोबाइल बैन
स्कूलों में मोबाइल फोन पर बैन लगाने वाला ब्रिटेन पहला देश नहीं है. इससे पहले अमेरिका के फ्लोरिडा राज्य, इटली और चीन में भी यह बैन लगाया जा चुका है. भारत में अधिकतर शहरों में निजी स्कूलों में छात्रों के मोबाइल फोन लाने पर बैन है. ब्रिटेन सरकार ने स्कूलों में मोबाइल फोन पर बैन लगाने का कदम एकदम नहीं उठाया है. वहां पिछले साल अक्टूबर में इस बात की सिफारिश सामने आई थी, जिसके आधार पर अब गाइडलाइंस जारी की गई हैं.
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