डीएनए हिंदी: ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के एक बयान के बाद जेंडर को लेकर नई बहस छिड़ गई है. उन्होंने लिंग भेद पर बोलते हुए कहा था कि हमें इस बात पर विश्वास नहीं करना चाहिए कि लोग अपने हिसाब से किसी भी लिंग के हो सकते हैं. ऐसे नहीं हो सकता है. एक पुरुष हमेशा पुरुष है और एक महिला केवल एक महिला है. यह कॉमन सेंस है. ट्रांसजेंडर और प्रगतिशील समुदाय को उनकी इस पर बात आपत्ति है. लोगों का कहना है कि यह उन्हें नहीं कहना चाहिए. हर वो शख्स, उस जेंडर का हो सकता है, जिसमें वह सहज है.
ऋषि सुनकर ने कहा, 'माता-पिता का यह जानना हक है कि उनके बच्चे रिश्तों के बारे में स्कूल में क्या सीख रहे हैं. इस पर विवाद नहीं होना चाहिए. मरीजों को पता होना चाहिए कि अस्पताल पुरुषों या महिलाओं के बारे में क्या बात कर रहे हैं.' कंजर्वेटिव पार्टी के सम्मेलन में जब ऋषि सुनक ने ये कहा तो लोगों ने जमकर ताली बजाई.
क्यों ऋषि सुनक के बयान पर हुआ है हंगामा?
ऋषि सुनक के बयानों पर LGBTQ समुदाय को आपत्ति है. जेंडर डिस्फोरिया से जूझ रहे लोगों के लिए यह बयान अपमानजक है. उनका कहना है कि हर व्यक्ति, जिस जेंडर में खुद को सहज महसूस करे, जैसी उसकी आत्मा और भावनाएं कहें, उसे उस जेंडर में खुद को बदलने का हक है. ऋषि सुनक का यह बयान परंपरावादी है, जिसे अब आधुनिक समाज में स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए. ट्रांसजेंडर समुदाय का यह भी कहना है कि अब लोग लिंग परिवर्तन भी कर रहे हैं, उनकी भी सामाजिक पहचान है. ऐसे में ऋषि सुनक का बयान ठीक नहीं है.
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जूलिया मिलिगन नाम की एक X यूजर ने लिखा, 'मैं कभी नहीं सोचा था कि ऐसा ऋषि सुनक कह सकते हैं. ऐसा क्यों नहीं होना चाहिए कि इंसान जिस जेंडर को चाहे, उसे चुन ले.'
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कई परंपरावादी फैसले ले रहे हैं ऋषि सुनक
ब्रिटिश प्रधान मंत्री ऋषि सुनक ने यह भी कहा कि उनकी टीम इस देश को बदलने जा रही है. उन्होंने कहा कि यह कोई विवादास्पद स्थिति नहीं होनी चाहिए.अधिकांश मेहनती लोग इससे सहमत हैं. ऋषि सुनक ने धूम्रपान को चरणबद्ध तरीके से खत्म करने के मकसद से इंग्लैंड में सिगरेट खरीदने की कानूनी उम्र को हर साल एक वर्ष बढ़ाने का भी प्रस्ताव रखा है. ऋषि सुनक ने कहा है कि सिगरेट खरीदने की आयु सीमा को तब तक बढ़ाया जाना चाहिए जब तक कि यह अंततः पूरी आबादी के लिए अवैध न हो जाए. वह किशोरों को सबसे पहले सिगरेट लेने से रोकना चाहते हैं.
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