France के इस शहर में मुस्लिम महिलाओं को मिली Burkini पहनने की इजाजत, क्यों भड़का हंगामा?

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: May 19, 2022, 09:36 AM IST

फ्रांस में महिलाओं को मिली बुर्किनी पहनने की इजाजत. 

फ्रांस में मुस्लिम महिलाओं के पहनावे को लेकर एक बार फिर नई बहस छिड़ी है. जानिए क्यों भड़का है हंगामा.

डीएनए हिंदी: फ्रांस (France) में एक बार फिर से मुस्लिम महिलाओं की ड्रेस पर हंगामा बरपा है. फ्रांस के ग्रेनोबल शहर ने बीते सोमवार को सरकारी स्विमिंग पूल में मुस्लिम महिलाओं को बुर्किनी (Burkinis) समेत दूसरे स्विमिंग सूट पहनने की इजाजत मिल गई है. 

नए फैसले के विरोध में कई लोग उतर आए हैं. फ्रांस के मंत्री ने कहा है कि वह इस फैसले का विरोध करते हैं और इस नियम को बदल कर रहेंगे. फ्रांस पहले भी बुर्के पर पाबंदी लगा चुका है. फ्रांस के विपक्षी नेताओं का कहना है कि इस तरह के फैसले फ्रांस की पंथ निरपेक्षता के लिए खतरा है.

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क्या है बुर्किनी?

बुर्किनी मुस्लिम महिलाओं के लिए तैयार एक खास तरह का स्विमिंग सूट होता है. इसे पहनने के बाद शरीर और बाल ढंक जाते हैं. कई फ्रांसीसी आलोचक इसे  इस्लामवाद के प्रतीक के तौर पर देखते हैं.  फ्रांस की धर्मनिरपेक्षता की वजह से बुर्का अक्सर निशाने पर रहता है. फ्रांस में कई दक्षिणपंथी और कुछ नारीवादी लोग बुर्किनी पर बैन की मांग कर रहे हैं.

क्यों ड्रेस को लेकर छिड़ी है नई बहस?

सोमवार को ग्रेनोबेल के अल्पाइन शहर में ऐलान किया गया कि सरकारी स्विमिंग पूल में सभी लोग अपनी पसंद के कपड़े पहन सकते हैं. सभी महिलाएं बुर्किनी पहन सकती हैं. अभी तक फ्रांस के सभी राज्यों में महिलाओं के लिए एक पारंपरिक स्विमिंग सूट और पुरुषों के लिए ट्रंक पहनना अनिवार्य था लेकिन अल्पाइन में मेयर ने ये नियम बदल दिया है.

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क्यों है विपक्ष को ऐतराज?

ग्रेनोबल के मेयर एरिक पिओल के ऐलान के बाद भड़का है. वह फ्रांस के दिग्गज नेताओं में शामिल हैं. लेकिन उनके इस फैसले के बाद विपक्ष उनका जमकर विरोध करता दिख रहा है. मेयर पिओल ने जब इस प्रस्ताव को सदन के सामने उठाया तो इसके समर्थन में 29 वोट जबकि इसके विरोध में  27 वोट पड़े. केवल 2 वोटों से इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई. मेयर पिओल ने कहा, 'हम सिर्फ इतना चाहते हैं कि महिलाएं और पुरुष अपनी मर्जी से कपड़े पहन सकें.'

क्या है विपक्ष की मांग?

शहर के मेयर की इस घोषणा को गृह मंत्री गेराल्ड डारमैनिन ने अस्वीकार्य और भड़काऊ बताया है. उन्होंने कहा है कि यह फ्रांस के धर्मनिरपेक्ष मूल्यों के खिलाफ है और वह इसे कानूनी तौर पर चुनौती देंगे. 

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